कांग्रेसियों को जाट-सिख वोट खिसकने की चिंता, अकाली दल को मिल सकता है लाभ

Edited By Tania pathak,Updated: 21 Sep, 2021 12:09 PM

congressmen worry about losing jat sikh votes akali dal may get benefits

कांग्रेस हाईकमांड ने दलित कांग्रसी नेता चरनजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्य मंत्री बना कर बडा मास्टर स्ट्रोक मारा है और इसको बडे स्तर पर प्रचारित भी किया जा रहा है। दूसरी तरफ पंजाब के पुराने टकसाली कांग्रेसियों को चिंता सता रही है कि कहीं.....

पटियाला (राजेश पंजौला): कांग्रेस हाईकमांड ने दलित कांग्रसी नेता चरनजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्य मंत्री बना कर बडा मास्टर स्ट्रोक मारा है और इसको बडे स्तर पर प्रचारित भी किया जा रहा है। दूसरी तरफ पंजाब के पुराने टकसाली कांग्रेसियों को चिंता सता रही है कि कहीं पंजाब के जाट वोटर कांग्रेस से न खिसक जाए। यदि ऐसा होता है तो इस का सीधा लाभ शिरोमणी अकाली दल को मिलने की संभावना है क्योंकि जाट वोट बैंक परंपरागत तौर पर अकाली दल की तरफ ही भुगतता है परंतु जब से मुख्य मंत्री कै. अमरिन्द्र सिंह ने कांग्रेस की बागडोर संभाली थी, जाट वोट बैंक का एक बड़ा हिस्सा कांग्रेस की तरफ आ गया था। साल 2002 में कै. अमरिन्द्र सिंह ने पानियों के समझौते रद्द करके और अपनी सरकार समय फसलों की सफल खरीद करके किसानी के साथ संबंध रखने वाले जाटों को कांग्रेस पार्टी के साथ जोड लिया था, यही कारण है कि 2002 से लेकर 2017 तक जाट वोट बैंक का एक बड़ा हिस्सा कांग्रेस की तरफ भुगतता रहा। 

भाजपा ने पंजाब के 35 प्रतिशत दलित वोट बैंक पर आंख रख कर ऐलान किया था कि पंजाब में भाजपा दलित को सी. एम. बना सकती है, जिसके बाद शिरोमणी अकाली दल ने भी डिप्टी सी. एम. दलित को बनाने का वायदा कर दिया। ऐसे में कांग्रेस ने चरनजीत चन्नी को सी. एम. बना कर विरोधी पार्टियों से दलितों वाला मुद्दा छीन लिया है परंतु कांग्रेसियों और पंजाब के राजनैतिक माहिरों का मानना है कि कांग्रेस को यह दाव उल्टा भी पड सकता है। कै. अमरिन्द्र सिंह के कारण जो जाट वोट बैंक कांग्रेस पार्टी की तरफ आ गया था, वह अब खिसक सकता है क्योंकि पंजाब की मुख्य मंत्री की कुर्सी पर जाट सिख भाईचारा अपना अधिकार समझता है, यही कारण है कि पंजाब के पुनर्गठन के बाद अधिक्तर मुख्य मंत्री जाट सिख ही रहे हैं। 

कई जाट सिख परिवारों के साथ बात करने पर यह बात सामने आई कि पंजाब का जाट वोटर अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है। पंजाब का जाट सिख किसानी के साथ जुडा हुआ है। इस तरह जाट सिख को मुख्य मंत्री लगा कर यह संदेश दिया जाता था कि कृषि सूबे पंजाब की बागडोर एक किसान के हाथ में है। बेशक मुख्य मंत्री बनने वाला जाट खेती करता हो या न करता हो परंतु जाट का सीधा संबंध किसानी के साथ ही है। पूर्व मुख्य मंत्री कै. अमरिन्द्र सिंह जब अपने नामजदगी पत्र दाखिल करते थे तो वह अपना प्रोफैशन कृषि ही लिखते थे। जब कि नये बनाऐ पंजाब के मुख्य मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी प्रापर्टी  कारोबारी हैं और शहरी राजनीति के साथ संबंधित हैं।

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