तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा सैनिक का शव, 7 साल के मासूम ने शहीद पिता को दी मुख्याग्नि

Edited By Vatika,Updated: 16 Jun, 2021 03:17 PM

martyr gurinder singh funeral in nuparbhedi

सम-चीन बार्डर पर शनिवार को ड्यूटी दौरान जान गंवाने वाले क्षेत्र के गांव गनूरा के 34 वर्षीय

नूरपुरबेदीः असम-चीन बार्डर पर शनिवार को ड्यूटी दौरान जान गंवाने वाले क्षेत्र के गांव गनूरा के 34 वर्षीय नौजवान सैनिक हवलदार गुरनिन्दर सिंह का आज गांव में सरकारी सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर राजसी और सामाजिक शख्सियतों सहित सैंकड़ों इलाका निवासियों ने नम आंखों के साथ बहादुर सैनिक को अंतिम विदाई दी। 

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उल्लेखनीय है कि 12 जून दोपहर के समय 20 सिख रेजीमेंट का सैनिक गुरनिन्दर सिंह जवानों की टुकड़ी के साथ जब असम-चीन बार्डर की तरफ बढ़ रहा था तो इस दौरान उक्त स्थान के ऊंचाई पर होने के कारण ऑक्सीजन की कमी पैदा हो गई। चाहे सेना के आधिकारियों की तरफ से उसे बचाने के काफ़ी यत्न किए गए लेकिन ज्यादा तबियत बिगड़ने पर उसकी मौत हो गई। उसी दिन से फ़ौज के अधिकारियों की तरफ से सैनिक की मृतक देह को लाने के यत्न किए जा रहे थे। उक्त स्थान पर मौसम की ख़राबी होने के कारण आज सेवेरे 4 दिनों बाद सैनिक की मृतक देह को तिरंगे में लपेट कर फ़ौज के वाहन में गांव लाया गया, जहां लोगों ने सैनिक के अंतिम दर्शन किए। इसके बाद सैनिक की देह को गांव के शमशानघाट में ले जाया गया, जहां सेना की टुकड़ी ने हवाई फायर करके सैनिक को श्रद्धांजली भेंट की। 

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सैनिक की चिता को मुख्याग्नि उसके 7 साल के लड़के सविताजवीर सिंह और छोटे भाई दविन्दर सिंह की तरफ से दिखाई गई। इस मौके ज़िला प्रशाशन की की तरफ़ से पहुंचे नायब तहसीलदार हरिन्दरजीत सिंह ने फूल मालां भेंट करके सैनिक को श्रद्धांजलि भेंट की। इसके अलावा हलका विधायक अमरजीत सिंह सन्दोआ, पूर्व मंत्री डा. दलजीत सिंह चीमा, सरपंच बलवंत सिंह, अजेवीर सिंह लालपुर, दिनेश चड्ढा, भुपिन्दर बजरूड़, मा. गुरनैब सिंह, दिलबारा सिंह बाला सहित सैंकड़ों की तदाद में इलाको के लोग शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। 

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