Edited By Vatika,Updated: 26 Aug, 2024 01:22 PM
सरकारी अस्पतालों में जाने वाले मरीजों के लिए जरूरी खबर है।
पटियाला (परमीत): सरकारी अस्पतालों में जाने वाले मरीजों के लिए जरूरी खबर है। दरअसल, सरकारी डॉक्टरों की प्रमुख संगठन पीसीएमएसए पंजाब ने अन्य मांगों के साथ-साथ 6 वे सीपीसी के डी ए बैलेंस और रुके हुए एश्योर्ड करियर प्रमोशन के अनसुलझे मुद्दों को लेकर 9 सितंबर से राज्य में सभी सरकारी अस्पतालों में सेवाओं को अनिश्चित समय के लिए सस्पेंड करने का ऐलान कर दिया है। हड़ताल संबंधी विस्तृत कार्य योजना का ऐलान 28 अगस्त को किया जाएगा।
संगठन ने जहां इन मांगों में से डॉक्टरों की कमी को पूरा करने की मांग पर 4 सालों के लंबे अरसे के बाद 400 रेगुलर मेडिकल अफसर की भर्ती करने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए अपील की है कि मेडिकल अफसर की नौकरी छोड़ जाने की दर के बदले इस तरह की भर्ती मुहिम सालाना आयोजित किया जाएं ताकि अस्पतालों को कमी का सामना ना करना पड़ें। कहा जा रहा है कि असुरक्षित माहौल के कारण और ज्यादा डॉक्टर नौकरी छोड़ जाएंगे और ऐसी स्थिति में रोजाना हो रही घटनाओं में किसी का भी जाने वाले नुकसान हो सकता है। उल्लेखनीय है की सेहत विभाग द्वारा पीसीएमएसए को केडर की बकाया मांगों पर विचार करने के लिए 27 अगस्त को प्रशासनिक सचिव सेहत व परिवार भलाई विभाग के साथ मीटिंग के लिए बुलाया गया है।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी यही परेशानियों के कारण वहां भी सरकारी डॉक्टरों को यह जायज मांगे मनवाने के लिए हड़ताल करनी पड़ी और वहां अब मसले हल हो चुके हैं। पंजाब सरकार को भी चाहिए कि पहले से चली आ रही तय समय पर प्रमोशनों के बदले वेतन में वृद्धि की योजना को बिना कारण के लटकने छोड़कर इसे लागू किया जाए और पड़ोसी राज्य की तरह डॉक्टर को मुश्किल ड्यूटी के बदले बच्चे दिए जाएं जिससे काबिल डॉक्टर सरकारी प्रणाली में उत्साहित होकर काम करें। मेडिकल कॉलेज में भी तो सरकार स्पेशलिस्ट डॉक्टर को चार और साथ पर प्रमोट करती है जबकि सेहत विभाग में सिविल अस्पताल के स्पेशलिस्टों को 20-20 साल तक किसी भी प्रमोशन का कोई प्रावधान नहीं बनाया गया है। साथ ही रिटायरमेंट की उम्र का अंतर भी रख दिया गया है फिर सेहत विभाग के सिविल अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टर क्यों काम करेंगे।