पराली के निपटारे के लिए पंजाब सरकार ने किया यह अहम फैसला

Edited By Vatika,Updated: 19 Nov, 2022 10:41 AM

punjab government took this important decision for disposal of stubble

पराली के निष्पादन को लेकर भविष्य की योजनाओं का ब्लूप्रिंट आयोग के समक्ष रखा।

चंडीगढ़(हांडा): पराली जलाने की वजह से खराब हुई आबोहवा और दिल्ली में प्रभावित स्थिति पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली व यू.पी. के मुख्य सचिवों को कोर्ट में तलब किया था जिसकी तीसरी सुनवाई शुक्रवार को हुई जिसमें सभी राज्यों की ओर से पर्यावरण को दूषित होने से बचने और पराली के निष्पादन को लेकर भविष्य की योजनाओं का ब्लूप्रिंट आयोग के समक्ष रखा।

पंजाब सरकार के मुख्य सचिव की ओर से आयोग को बताया गया कि पंजाब सरकार उक्त स्थिति को लेकर गंभीर है और भविष्य में इस प्रकार की स्थिति पैदा न हो, इसके लिए भावी योजना बनाई गई है। आयोग को बताया गया कि पंजाब सरकार हर गांव में गरीब किसानों के लिए पराली निष्पादन करने के लिए मशीनें उपलब्ध करवाएगी जिसकी मार्फत पराली को ठिकाने लगाया जाएगा। सरकार ने पराली का किसी दूसरे उत्पादनों में इस्तेमाल की योजना भी बनाई है। उक्त मशीनरी जल्द ही मुहैया करवा दी जाएगी जिसे गांव के किसान पंचायत से ले सकेंगे। बड़े किसानों के लिए मशीनरी की एवज में कुछ फीस भी निर्धारित की जाएगी। आयोग को विश्वास दिलाया गया कि भविष्य में पराली न जलाई जाए यह सुनिश्चित किया जाएगा।

सैप्टिक टैंकों की सफाई करने वालों को भी मिलेगी सेफ्टी किट 
मानव अधिकार आयोग ने सैप्टिक टैंकों व सीवरेज को साफ करने वाले कर्मियों व मजदूरों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करने को कहा है। सरकारों को आदेश दिए गए हैं कि मजदूरों को बिना सेफ्टी किट सैप्टिक टैंकों में न उतारा जाए और सफाई के लिए जरूरी उपकरण व मशीनरी की उपलब्धता  सुनिश्चित की जाए। सैप्टिक टैंकों की सफाई करते वक्त मजदूरों की हुई मौत का संज्ञान लेते हुए आयोग ने 25 सितम्बर 2021 को एडवाइजरी जारी की थी जिसके माध्यम से सभी स्थानीय निकायों को सैप्टिक टैंकों की सफाई के लिए मशीनरी और सुरक्षा उपकरण खरीदने को कहा गया था। 


आयोग हुआ सख्त, कहा-लापरवाही हुई तो नपेंगे अफसर 
आयोग ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में अगर आदेशों पर ईमानदारी से अमल नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारी कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। आयोग ने राज्यों को आदेश दिए हैं कि हर क्षेत्र के आंकड़े रखे जाएं कि कहां कितनी पराली हुई कितनी मशीनरी की मार्फत ठिकाने लगाई गई कितनी जलाई गई और जलाने वालों पर क्या कार्रवाई की गई। किस इलाके में मशीनरी पहुंची और किस इलाके में मशीनरी नहीं पहुंच पाई ताकि आंकड़ों की समीक्षा कर आगे की रणनीति बनाई जा सके। आयोग ने राज्यों के अस्पतालों में मैडीकल वेस्ट को ठिकाने लगाने के लिए अपनाए जाने वाले तरीकों संबंधी जानकारी मांगी और पूछा है कि कितने अस्पतालों में मैडीकल वेस्ट को ठिकाने लगाने की तकनीक पर अमल हो रहा है। ग्रीन बैल्ट स्थापित करने और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की रिपोर्ट भी अगली सुनवाई पर आयोग ने मांगी है और इस संबंध में दिल्ली सहित अन्य राज्यों के संबंधित विभागों को नोटिस जारी किए गए हैं। इस मामले में अब अगली सुनवाई 25 नवम्बर को होगी। 

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