Edited By Kamini,Updated: 25 Dec, 2025 01:14 PM

अब इस मामले की सुनवाई 13 मार्च को रखी गई है।
लुधियाना (हितेश): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा नए बिल्डिंग बायलाज लागू होने से पहले ही उस पर रोक लगा दी गई है। यहां बताना उचित होगा कि सरकार द्वारा हाल ही में लोगों को कमर्शियल या रिहायशी बिल्डिंग बनाने के नियमों में राहत देने के नाम पर नए बिल्डिंग बायलॉज जारी किए गए हैं। इस संबंध में नोटिफिकेशन शहरी विकास विभाग द्वारा 15 दिसम्बर को जारी किया गया है, यह फैसला नगर निगम के एरिया में भी लागू होगा लेकिन उसके मुताबिक प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही कोर्ट ने नए बिल्डिंग बायलॉज पर रोक लगा दी है और अब इस मामले की सुनवाई 13 मार्च को रखी गई है।
इस तरह दी गई थी राहत
- पहले रिहायशी मकान का ढाई मंजिल तक ही निर्माण किया जा सकता था।
- अब 40 फुट रोड पर स्थित 200 गज के रिहायशी मकान की ग्राऊंड फ्लोर पार्किंग के लिए छोड़ने के बाद 21 मीटर ऊंचाई तक 4 मंजिला निर्माण किया जा सकता है।
- पहले कोर एरिया में कमर्शियल बिल्डिंग बनाने के लिए 125 गज जगह में डेढ़ मंजिल तक फुल कवरेज की जा सकती थी।
- अब कोर एरिया में कमर्शियल बिल्डिंग बनाने के लिए जगह की शर्त खत्म करके 21 मीटर ऊंचाई तक फुल कवरेज की जा सकती है, उसके लिए 3 लाख रुपए प्रति ई.सी.एस. देना होगा।
- पहले स्कीम एरिया में 40 से 60 फुट रोड पर कमर्शियल बिल्डिंग बनाने के लिए उसे सरकार से डिक्लेयर करवाने की जरूरत थी।
- अब किसी भी स्कीम एरिया में 60 फुट रोड पर कमर्शियल बिल्डिंग बनाने के लिए उसे सरकार से डिक्लेयर करवाने की जरूरत नहीं होगी।
93 वर्षीय याचिकाकर्त्ता द्वारा यह उठाए गए हैं मुद्दे
इस केस में एक याचिकाकर्त्ता 93 वर्ष के हैं, जिनके द्वारा ये मुद्दे उठाए गए हैं कि नए बिल्डिंग बायलाज इससे पहले से लागू फायर प्रिवैंशन एक्ट व नैशनल बिल्डिंग कोड के प्रावधानों के बिल्कुल उलट हैं। इसके अलावा नए बिल्डिंग बायलाज बनाने के लिए पब्लिक के हित नजरअंदाज करने का आरोप लगाया गया है क्योंकि जिस रियल एस्टेट एडवाइजरी कमेटी की सिफारिशों को आधार बनाकर नए बिल्डिंग बायलाज तैयार किए गए हैं, उस कमेटी में बिल्डर व डिवैल्पर शामिल हैं और उनकी सुविधा का ध्यान रखा गया है। इससे रिहायशी इलाके में बड़ी संख्या में कमर्शियल बिल्डिंगों का निर्माण करने का रास्ता साफ हो गया है लेकिन यह फैसला लेने से उन इलाकों में रहने वाले लोगों को विश्वास में नहीं लिया गया।
पहले से बनी अवैध बिल्डिंगों के मालिकों की आस पर फिलहाल फिरा पानी
कोर्ट के इस फैसले से पहले बनी अवैध बिल्डिंगों के मालिकों की आस पर फिलहाल पानी फिर गया है क्योंकि हर शहर में बड़ी संख्या में रिहायशी व कमर्शियल बिल्डिंगों का निर्माण अवैध रूप से किया गया है।इन बिल्डिंगों पर कभी भी टूटने की तलवार लटक रही है और वह लोग लंबे समय से वन टाइम सैटलमैंट पालिसी लागू करने की मांग कर रहे हैं। अब नए बिल्डिंग बायलाज के प्रावधानों के चलते पहले बनी ज्यादातर अवैध बिल्डिंगों को भी रैगुलर किया जा सकता है, जिसे लेकर नगर निगम अफसरों ने तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन अब इसकेे लिए कोर्ट के फैसले का इंतजार करना होगा।
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