Edited By Vaneet,Updated: 30 Jun, 2020 05:13 PM
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पी.एम. फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसैसिंग एंटरप्राइजेज (पी.एम.एफ. एम...
नई दिल्ली/चंडीगढ़(ब्यूरो): खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पी.एम. फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसैसिंग एंटरप्राइजेज (पी.एम.एफ. एम.ई.) योजना की शुरूआत की। यह आत्मनिर्भर भारत अभियान के एक भाग के रूप में है। इस योजना से कुल 35,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा और 9 लाख कुशल व अद्र्ध-कुशल रोजगार सृजित होंगे। इसके अलावा सूचना, प्रशिक्षण, बेहतर प्रदर्शन और औपचारिकता तक पहुंच के माध्यम से 8 लाख इकाइयों को लाभ होगा।
केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि गांवों में ग्रामीण उद्यमियों द्वारा निर्मित खाद्य उत्पादों में स्थानीय आबादी को भारतीय खाद्य उत्पादों की आपूर्ति करने की लंबी परम्परा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई, 2020 को स्थानीय इकाइयों के महत्व और उनकी भूमिका पर जोर दिया था। श्रीमती बादल ने कहा कि असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना करता है जो उनके प्रदर्शन और उनके विकास को सीमित करती हैं। इन चुनौतियों में आधुनिक प्रौद्योगिकी और उपकरण तक पहुंच की कमी, प्रशिक्षण, संस्थागत ऋण तक पहुंच, उत्पादों की गुणवत्ता नियंत्रण पर बुनियादी जागरूकता की कमी और ब्रांङ्क्षडग तथा मार्कीटिंग कौशल आदि की कमी शामिल है।
उन्होंने बताया कि इन चुनौतियों के कारण असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र अपनी विशाल क्षमता के बावजूद मूल्य संवर्धन और उत्पादन के मामले में बहुत कम योगदान दे पाता है। केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने कहा कि लगभग 25 लाख इकाइयों वाले असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रीय रोजगार में 74 प्रतिशत योगदान देते हैं। इनमें से लगभग 66 प्रतिशत इकाइयां ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं और उनमें से करीब 80 प्रतिशत परिवार-आधारित उद्यम हैं जो ग्रामीण परिवारों की आजीविका में सहायता करते हैं और शहरी क्षेत्रों में कम से कम पलायन करते हैं। ये इकाइयां मोटे तौर पर सूक्ष्म उद्यमों की श्रेणी में आती हैं।