बच्चों का भविष्य दांव पर, इस सरकारी स्कूल में सिर्फ एक अध्यापक

Edited By Kamini,Updated: 07 Dec, 2021 03:06 PM

children s future at stake only one teacher in this government school

पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी जिला निवासियों को सुख सहूलतें देने के लिए नित्य नए ऐलान कर रहा है परन्तु जमीनी हकीकत कुछ ओर ही दिखाई दे रही है। इस की ताजा उदाहरण गोइंदवाल साहिब के सरकारी एलिमेंट्री स्कूल की मिली है। पंजाब सरकार सरकारी स्कूलों...

तरनतारन (सुखदेव राज): पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी जिला निवासियों को सुख सहूलतें देने के लिए नित्य नए ऐलान कर रहा है परन्तु जमीनी हकीकत कुछ ओर ही दिखाई दे रही है। इस की ताजा उदाहरण गोइंदवाल साहिब के सरकारी एलिमेंट्री स्कूल की मिली है। पंजाब सरकार सरकारी स्कूलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है, जिस पर प्रभाव करते लोगों ने अधिक से अधिक बच्चे सरकारी स्कूलों में दाखिल कराए। सरकार ने सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदल तो दिया है परन्तु इन स्कूलों को सहूलतें देने में असमर्थ है। जिला तरनतारन के कस्बा गोइंदवाल साहिब का सरकारी एलिमेंट्री स्कूल जिसमें 450 बच्चे होने के बावजूद वहां पढ़ाने के लिए सिर्फ एक अध्यापक ही मिला है।

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प्राप्त जानकारी अनुसार इस स्कूल में 8 ई.टी.टी. अध्यापक, 4 प्री-प्राइमरी, 1 एच.टी. सी. की 13 पोस्टों होने के बावजूद भी यहां बच्चों को एक अध्यापक ही पढ़ा रहा है। पंजाब के बहुत सारे स्कूलों में अध्यापक न होने के कारण खाली पड़े हैं। पंजाब सरकार को इस बारे कोई भी चिंता नहीं है। इस स्कूल में पढ़ते 450 बच्चों का भविष्य सरकार की अनदेखी कारण दाव पर लगा हुआ है। बच्चों की पढ़ाई के हो रहे नुकसान के तौर पर आज गोइन्दवाल साहब के निवासी अवतार सिंह गिल, जगजीत सिंह संधू, डॉ. हरप्रीत सिंह बब्बा, सूबेदार बलवान सिंह, रणजीत सिंह, लाल सिंह, जगमोहन सिंह, सुरिन्दर कौर, हरप्रीत कौर, केसर कौर, सरबजीत सिंह ने सरकार खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अपील करने पर बच्चे सरकारी स्कूल में डाले हैं। स्टाफ की कमी होने के कारण बच्चे स्कूल तो जाते हैं परन्तु वहां कोई भी पढ़ाई नहीं होती। 

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बच्चे जैसे स्कूल जाते हैं उसी तरह ही घर पर वापस आ जाते हैं। न ही स्कूल में पढ़ाया जाता है और न ही घर के लिए कोई होम वर्क दिया जाता है। बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए यदि इस स्कूल में स्टाफ नहीं आता तो यह स्कूल हमारे लिए बहुत बड़ी परेशानी का कारण बना हुआ है। बच्चों के माता-पिता ने सरकार से जल्द से जल्द अध्यापक को यहां भेजने की अपील की है ताकि बच्चों का सुनहरा भविष्य बर्बाद न हो। इस संबंध में जब बी.पी.ई.ओ. दिलबाग सिंह ने पत्रकारों से पूछे जाने पर कहा कि स्कूल में अध्यापक की अनुपलब्धता का मामला उच्चाधिकारियों के ध्यान में है, बहुत जल्द ही समाधान निकाला जाएगा
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