....तो क्या आतिशी का मुकाबला करने के लिए स्मृति ईरानी पर दांव लगाने की तैयारी में है BJP ?

Edited By Vatika,Updated: 23 Sep, 2024 01:44 PM

smriti irani v s atishi

जब कभी राजनीति में एक्सपैरीमैंट की बात होती है तो इन मामलों में भाजपा का नाम सबसे ऊपर आता है।

जालंधर(अनिल पाहवा) : जब कभी राजनीति में एक्सपैरीमैंट की बात होती है तो इन मामलों में भाजपा का नाम सबसे ऊपर आता है। राज्य स्तर का मामला हो या केंद्र का मामला हो, पार्टी समय समय पर एक्सपैरीमैंट करती रहती है। देश में लोकसभा चुनावों के बाद पार्टी का यह एक्सपैरीमैंट इन दिनों दिल्ली में शुरू हुआ है, जहां पर पार्टी को विधानसभा चुनावों में पिछली दो बार से लगातार आम आदमी पार्टी से शिकस्त खानी पड़ रही है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की तरफ से इस्तीफा दिए जाने के बाद आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया गया है। इसके बाद अब भाजपा में भी हलचल तेज हो गई है। भाजपा एक बार फिर से एक्सपैरीमैंट मोड में आ गई है और दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री का मुकाबला करने के लिए अभी से महिला ब्रिगेड तैयार करनी शुरू कर दी है। 

दिल्ली में एक्टिव हुईं स्मृति इरानी
जानकारी के अनुसार दिल्ली में भाजपा इन दिनों जो नया एक्सपैरीमैंट कर रही है, उसमें स्मृति इरानी को मैदान में उतारा जा रहा है तथा संभवतः आने वाले समय में मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर भी प्रोजैक्ट किया जा सकता है। पता चला है कि पिछले कुछ समय से दिल्ली में भाजपा की अधिकतर बैठकों में सांसदों सहित स्मृति ईरानी भी शामिल हो रही है तथा वर्करों के साथ बैठकें भी कर रही है। जानकार बताते हैं कि भाजपा ने आतिशी सिंह के साथ मुकाबला करने के लिए स्मृति को मैदान में उतारा है तथा उसके लिए अभी से योजना पर काम शुरू हो गया है। 

केजरीवाल-आतिशी के मुकाबले के लिए भाजपा की महिला ब्रिगेड
खबर यह भी मिल रही है कि भाजपा ने आतिशी सिंह के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आक्रामक स्ट्रैटेजी बनाते हुए स्मृति ईरानी के साथ-साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज तथा मीनाक्षी लेखी को भी मैदान में उतारा है। पिछले कुछ समय से बांसुरी स्वराज की तरफ से दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ खुलकर बयानबाजी की जा रही है। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल को भी इसी स्ट्रैटेजी का हिस्सा बताया जा रहा है। संभवतः पार्टी इन सभी महिलाओं को आतिशी सिंह तथा अरविंद केजरीवाल की ब्रिगेड के खिलाफ इस्तेमाल करेंगी। 


दिल्ली में कद्दावार नेता की कमी से जूझ रही भाजपा
दिल्ली में चुनावों से कुछ समय पहले बेशक पार्टी ने स्मृति ईरानी को दिल्ली के 7 इलाकों की कमान दी है, लेकिन यह बात माननी पड़ेगी कि पार्टी  पिछले करीब 10 साल में दिल्ली में एक भी ऐसा नेता खड़ा नहीं कर पाई, जो अरविंद केजरीवाल का मुकाबला करने लायक हो। पार्टी को शायद यही लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की स्ट्रैटेजी उसे चुनाव जिता देगी, लेकिन यह बात पार्टी को ध्यान रखनी होगी कि पिछली दो बार के विधानसभा चुनावों में लगातार पार्टी को दिल्ली में झटके लगे हैं। बेशक पार्टी ने दिल्ली की सभी लोकसभा सीटें जीती हैं, लेकिन एक अच्छे कद्दावर नेता की कमी होने के कारण उसे विधानसभा में नुक्सान उठाना पड़ रहा है। 


छोड़ना होगा एटीट्यूड और सुपीरियर कॉम्प्लेक्स
बेशक दिल्ली में भाजपा स्मृति ईरानी को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है, लेकिन उसे कुछ चीजों का ध्यान रखना होगा, जिससे कि वह आम आदमी पार्टी के नए मुख्यमंत्री आतिशी सिंह के साथ मुकाबला कर सके। खासकर लोगों से मिलने-जुलने के अलावा व्यवहार कुशलता भी भाजपा के नेताओं को सीखनी पड़ेगी। एक तरफ जहां आम लोगों की पार्टी के तौर पर गिनी जानी जाती आम आदमी पार्टी है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा को भी इस तरह की रणनीति बनानी होगी, कि उसके नेताओं में शालीनता, और लोगों से मिलने की भावना नजर आए, न कि एटीट्यूड और सुपीरियर कॉम्प्लेक्स।

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