तालमेल बनाने के बावजूद कांग्रेस हाईकमान को टिकट आबंटन में पेश आ सकती हैं ये समस्याएं, जानें

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 08 Dec, 2021 03:19 PM

there is a possibility of confusion in ticket allotment

पंजाब विधानसभा की नजदीक आ रहे आम चुनाव में कांग्रेस वर्करों की भावनाओं को समझते हुए कांग्रेस लीडरशिप ने टिकट आबंटन के मामलों में एकाधिकार को ख़त्म करने की दिशा में कदम उठाया है।

जालंधर (धवन): पंजाब विधानसभा की नजदीक आ रहे आम चुनाव में कांग्रेस वर्करों की भावनाओं को समझते हुए कांग्रेस लीडरशिप ने टिकट आबंटन के मामलों में एकाधिकार को ख़त्म करने की दिशा में कदम उठाया है। इसका अंदाजा कांग्रेस लीडरशिप की तरफ से कल गठित की गई अलग-अलग चयन समितियों से लगता है। कांग्रेस के अंदर पहले यह माना जा रहा था कि टिकट आबंटन में किसी विशेष नेता की ही चलेगी परन्तु कांग्रेस लीडरशिप ने चुनाव समितियों की वजह से टिकट आबंटन को लेकर तालमेल बनाने की कोशिशें की हैं। सबसे अहम बात यह है कि टिकट आबंटन को लेकर गठित की गई स्क्रीनिंग समिति का इंचार्ज अजय माकन को बना दिया गया है। पंजाब से इस समिति में तीनों ही प्रमुख नेताओं नवजोत सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी के साथ-साथ सुनील जाखड़ को भी शामिल कर दिया गया है। इस तरह कांग्रेस की राजनीति में जाखड़ ने जोरदार वापसी की है।

जाखड़ को न सिर्फ स्क्रीनिंग समिति में शामिल कर दिया गया है बल्कि उनको चुनाव प्रचार समिति का चेयरमैन बना दिया गया है। इस तरह अब कांग्रेस के अंदर यह प्रभाव देने की कोशिश की गई है कि कांग्रेस लीडरशिप की तरफ से मैरिट के आधार पर टिकटों का आबटन किया जाएगा और किसी भी विधायक की टिकट किसी एक नेता विशेष की तरफ से कटवाई नहीं जा सकेगी। ऐसा करने का एक मकसद यह भी था कि कांग्रेस विधायक चुनाव के समय पार्टी को छोड़ कर न जाएं क्योंकि अन्य सभी पार्टियों की नजरें कांग्रेस विधायकों की तरफ लगीं हुई हैं। वह कांग्रेस विधायकों को चुनाव से पहले तोड़ कर अपने साथ मिलाना चाहतीं हैं।

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चुनाव स्क्रीनिंग समिति में चंदन यादव और कृष्णा अलावरू को भी अहम स्थान दिया गया है। कृष्णा अलावरू पिछले काफी समय से पंजाब की राजनीति में सक्रिय रहे हैं। वह कांग्रेस के सीनियर नेता राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं और उनके पंजाब के ज्यादातर नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं। उनको अलग-अलग विधानसभा हलकों में काम करने वाले नेताओं बारे भी पूरी जानकारी है। कांग्रेस में पिछले कुछ समय से यह कहा जा रहा था कि कुछ प्रदेश नेताओं ने अपने स्तर पर संभावित उम्मीदवारों की सूचियां बनाईं हुई हैं परन्तु कांग्रेस लीडरशिप ने स्क्रीनिंग समिति और अन्य समितियां बना कर इन सूचियों पर पानी फेरने का काम किया है। अब स्क्रीनिंग समिति बैठ कर तय करेगी कि किस विधानसभा हलके में कौन सा उम्मीदवार मजबूत हो सकता है।

वहीं दूसरी तरफ पंजाब में 117 विधानसभा सीटों के लिए टिकट आबंटन को लेकर गहमा-गहमी होने के आसार स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। इनमें से कुछ नेताओं की नाराजगियां भी सामने आ सकतीं हैं। यह भी कहा जा रहा है कि अब पार्टी लीडरशिप को टिकट आबंटन के मामलो में फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ाने होंगे। टिकट आबंटन के मामलों में थोड़ी सी भी लापरवाही पार्टी के लिए भारी पड़ सकती है। ऐसी स्थिति को देखते हुए ही कांग्रेस लीडरशिप ने सभी नेताओं दरमियान तालमेल स्थापित किया है।

जाखड़ अभी राजस्थान में, जल्द पंजाब आएंगे
कांग्रेस लीडरशिप की तरफ से बनाई गई चयन समितियों में अहम स्थान हासिल करने वाले सुनील जाखड़ फिलहाल राजस्थान में हैं। वह जल्द ही पंजाब लौट सकते हैं और उसके बाद कांग्रेस को लेकर राजनीति गर्माने के आसार दिखाई दे रहे हैं। जाखड़ के साथ भी बीते दिनों कई सीनियर कांग्रेसी नेताओं ने संपर्क स्थापित करने की कोशिशें की हैं। शुरू से ही यह माना जा रहा था कि पंजाब में कांग्रेस लीडरशिप कैप्टन अमरिन्दर सिंह के बाद किसी एक व्यक्ति विशेष को और ज्यादा मज़बूत होने नहीं देगी। इसलिए अलग-अलग कांग्रेस धढ़ों के साथ सम्बन्धित नेताओं को एक बराबर मज़बूती देने की कोशिश की गई है।

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