Edited By Tania pathak,Updated: 14 May, 2020 10:57 AM
आंदोलन की रूप -रेखा को ले कर आंगनवाड़ी एम्प्लाइज फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय नेताओं की उत्तर भारत ज़ोन की ऑनलाइन बैठक राष्ट्रीय प्रधान हरगोबिन्द कौर की अध्यक्षता में हुई...
जालंधर (एन. मोहन): कोरोना और लॉकडाउन के कारण सभी ऑनलाइन अपना काम करने पर जोर दे रहे है, ऐसे में आंदोलनकारी भी इस प्रक्रिया से पीछे नहीं है। ऑनलाइन आंदोलन की शुरुआत शायद आंगनवाड़ी वर्करों की तरफ से ही होने जा रही है। आंदोलन की रूप -रेखा को ले कर आंगनवाड़ी एम्प्लाइज फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय नेताओं की उत्तर भारत ज़ोन की ऑनलाइन बैठक राष्ट्रीय प्रधान हरगोबिन्द कौर की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में कोरोना संकट में आंगनवाड़ी की भूमिका और योगदान और उनका बीमा और मांगो को लेकर 5 जून से ऑनलाइन आंदोलन का फ़ैसला हुआ, जिस के मुताबिक अलग -अलग राज्यों की इकाइयां प्रधानमंत्री और दूसरे नेताओं को ट्विटर के द्वारा और रीट्वीट के द्वारा अपने मांग पत्र सौंपेंगे जिससे आंगनवाड़ी वर्करज़ पूरी दुनिया के सामने अपनी बात का समर्थन भी ले सकेंगी।
इस बैठक में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अधिकारी शामिल हुए, जिस में राष्ट्रीय सचिव मधुबाला, सीनियर उप प्रधान छोटा गहलोत, उपप्रधान गरिमा, वित्त सचिव संतोष गुज्जर, सचिव प्रेम कुमार, यदु बाला और राज कुमारी ने अपने विचार रखे। इस बैठक में यह प्रस्ताव भी के पास किया गया कि कोरोना वायरस दौरान आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर ने फ्रंट लाईन वर्करों के तौर पर काम किया और इस मुश्किल समय सरकारों के देश भर में साथ दिया और काम लगातार जारी है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि देश भर में काम कर रहे आंगनवाड़ी को सरकार स्थि करे और जिस तरह सेहत कर्मचारियों का 50 लाख रुपए का बीमा किया जाता है, उसी तरह वर्कर और हेल्पर का भी 50 लाख रुपए का बीमा किया जाए