Edited By Subhash Kapoor,Updated: 05 Jul, 2022 04:47 PM
एक समय था जब लोग सादा खाना खाते थे और सादा जीवन जीते थे और लोग हमेशा घर की बनी चीजें खाते थे।
भगताभाई : एक समय था जब लोग सादा खाना खाते थे और सादा जीवन जीते थे और लोग हमेशा घर की बनी चीजें खाते थे। आधुनिक समय की गति ने लोगों को फास्ट फूड की ओर धकेल कर बीमारियों की ओर धकेल दिया है। आज आधे से ज्यादा लोग खाने-पीने पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और सिर्फ अपनी जीभ के स्वाद के लिए फास्ट फूड पसंद करते हैं। ये अधिक स्वादिष्ट और स्वादिष्ट हो सकते हैं, लेकिन ये आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक हो सकते हैं। पहले लोग अनाज को भट्ठों में भूनकर खाते थे, कभी गेहूं को भून कर उसमें गुड़ मिला कर पिन्नी बना लेते थे।
स्थानीय शहर में लोगों के खाने-पीने का सामान खुलेआम बेचा जा रहा है और भोले-भाले लोग इसी तरह के स्टालों से अपना खाना-पीना लेने को मजबूर हैं। जरा सोचिए, अगर आपको कुछ खाने-पीने का शौक है तो आप जो खा-पी रहे हैं, उस पर साफ-सफाई की व्यवस्था पर जरूर ध्यान दें। यह देखा गया है कि एक टब या बाल्टी में पानी की थोड़ी मात्रा होती है और उसी पानी में बर्तन दिन भर बार-बार धोए जाते हैं जो पूरी तरह से साफ नहीं होते हैं। इस समय कोई सर्फ, साबुन या लाल दवा आदि का उपयोग नहीं किया जाता है। क्या यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं है?
यहां यह भी ध्यान देने योग्य है कि हम ताजा ठंडा पानी पीने के बजाय कई महीनों तक बोतलबंद पानी व केमिकल युक्त पानी क्यों पीना पसंद करते हैं। अगर आप किसी जूस आदि के शौकीन हैं तो आप कोई भी ताजा फल घर ले जा सकते हैं और खा सकते हैं या उसका ताजा जूस बना सकते हैं, जो बोतलबंद केमिकल जूस से कहीं ज्यादा फायदेमंद और स्वादिष्ट होगा। इतना ही नहीं, हम ताजा दूध भी नहीं पी सकते क्योंकि हमारी आदतें अलग हैं। अगर दूध के पैकेट कई दिनों तक खराब नहीं होते हैं, तो स्वाभाविक रूप से यह केमिकल होगा।
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