नए नैरोगेज रेल इंजन पठानकोट-कांगड़ा ट्रैक पर दौड़ने को तैयार

Edited By Sunita sarangal,Updated: 15 Nov, 2019 12:10 PM

pathankot kangra railway line

हिमाचल की सुरम्य वादियों का रेल सफर होगा और सुहाना

पठानकोट(शारदा): पठानकोट को वाया नैरोगेज रेल मार्ग से देवभूमि की सुरम्य पहाड़ियों व पर्यटन स्थलों के साथ धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाली पालमपुर व कांगड़ा वैली का रेल सफर अब आगामी समय में और सुहाना होने जा रहा है, क्योंकि शीघ्र ही पठानकोट-बैजनाथ पपरोला-जोगिन्द्र नगर रेलखंड पर नए लोको इंजन अपनी छुक-छुक की आवाज सुनाई देते चलेंगे। इस नैरोगेज रेल ट्रैक पर 12 नए इंजनों को दौड़ाने का रोड मैप तैयार हो चुका है तथा नए रेल इंजनों का निर्माण मुम्बई की परेल वर्कशाप में तेजी से हो रहा है। 
PunjabKesari, Pathankot-Kangra railway line
सूत्रों की माने तो इस रेलखंड पर पुराने हो रहे इंजनों की भरपाई के लिए 12 नए इंजनों का निर्माण होना है, जिसमें पहला इंजन (जे.डी.एम.3-715) वर्कशाप में तैयार हो चुका है तथा पठानकोट व मुम्बई में कार्यरत रेलवे का अमला इसे अंतिम स्वरूप देने जा रहा है तथा कम्पीशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। उम्मीद है कि 5 से 10 दिन में मुम्बई वर्कशाप से तैयार होने के बाद लोड होकर डिस्पैच कर दिया जाएगा। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो 25 नवम्बर तक नए रेलवे इंजन की आमद हो सकेगी। इसके बाद स्टाफ आकर ट्रॉयल करेगा तथा अगर कोई कमी पेशी पाई गई तो उसे तुरंत दुरस्त करके रेल ट्रैक पर चढ़ा दिया जाएगा। ऐसे में संभावना है कि इसी महीने के अंत तक नया बना रेलवे इंजन पठानकोट-जोगिन्द्रनगर रेलखंड पर यात्री कोचों के साथ दौड़ सकेगा। इसके बाद शेष बचे इंजनों को वहां तैयार करके यहां लाने की प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाया जाएगा। PunjabKesari, Pathankot-Kangra railway line
सनद रहे मौजूदा समय में इस रेलखंड पर 14 इंजन रेल कोचों के साथ दौड़ रहे हैं यानी 7 अप व 7 डाऊन नैरोगेज रेलगाड़ियां इस रेलखंड पर चल रही हैं, जिन्हें ढोने वाले पुराने इंजनों में 3 की आयु पूरी हो चुकी है वहीं 4 अन्य की अगले वर्ष की शुरूआत में आय पूरी हो जाएगी। ऐसे में अगर नए इंजन तेजी से आकर इस सैक्शन से जुड़ते हैं तो पठानकोट से जोगिन्द्र नगर तक का 149 किलोमीटर लंबा सफर यात्रियों के लिए और सुगम हो सकेगा। फिलहाल नए इंजनों की आमद का दोनों प्रदेशों के यात्री बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
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इस रेलखंड पर धार्मिक व पर्यटन स्थल इस प्रकार हैं
वर्णनीय है कि यूं तो हिमाचल प्रदेश के कई पर्यटन व धार्मिक स्थलों की देश के साथ विश्व में भी काफी ख्याति है यहां प्रत्येक वर्ष देसी-विदेशी सैलानी व तीर्थ यात्री आकर इनकी ओर रुख करते हैं। इनमें से अधिकांश सड़क मार्ग से यात्रा करते हैं परन्तु साधारण वर्ग के लोगों के लिए रेल सफर कहीं अधिक सुगम व सस्ता है। यह रेलखंड हिमाचल प्रदेश के पर्यटन व धार्मिक स्थलों जिनमें नूरपुर, कांगड़ा मंदिर, ज्वालामुखी मंदिर, बैजनाथ पपरोला, धर्मशाला, जोगिन्द्र नगर आदि को भी जोड़ता है।

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