Edited By Subhash Kapoor,Updated: 28 Dec, 2025 07:16 PM

विदेश में बेहतर रोज़गार की उम्मीद में रूस गए भारतीय युवाओं का सपना अब दुःख में बदल गया है। दरअसल 10 भारतीय युवाओं की रूसी सेना में शामिल होने के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि चार अब भी लापता हैं। मृतकों में तीन पंजाब से और बाकी उत्तर प्रदेश और जम्मू से...
पंजाब डैस्क : विदेश में बेहतर रोज़गार की उम्मीद में रूस गए भारतीय युवाओं का सपना अब दुःख में बदल गया है। दरअसल 10 भारतीय युवाओं की रूसी सेना में शामिल होने के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि चार अब भी लापता हैं। मृतकों में तीन पंजाब से और बाकी उत्तर प्रदेश और जम्मू से हैं।
जगदीप सिंह, एक भारतीय युवा जिन्होंने अपने भाई और अन्य फंसे युवाओं की तलाश के लिए मास्को और अन्य शहरों की यात्रा की, ने इस दुखद सच को सामने लाया। उन्होंने बताया कि भारत लौटने पर उन्होंने राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल के कार्यालय में दस्तावेज़ पेश किए, जिनसे मौतों की पुष्टि हुई।
जगदीप के अनुसार, रूसी सेना में मारे गए 10 भारतीयों में अमृतसर के तेजपाल सिंह, लखनऊ के अरविंद कुमार, उत्तर प्रदेश के धीरेंद्र कुमार, विनोद यादव, योगेंद्र यादव और अन्य पांच शामिल हैं। वहीं, चार भारतीय अभी भी लापता हैं: दीपक, योगेश्वर प्रसाद, अज़हरुद्दीन खान और राम चंद्र। जगदीप ने बताया कि उन्होंने रूस की दो यात्राएँ कीं—पहली में 21 दिन और दूसरी में दो महीने—ताकि फंसे भारतीय युवाओं की जानकारी इकट्ठा की जा सके।
उन्होंने बताया कि जब उन्हें अपने भाई मंडीप और अन्य फंसे युवाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली, तो उन्होंने रूस की दो यात्राएँ कीं। पहली यात्रा में वे 21 दिन रुके और फंसे भारतीयों, खासकर पंजाबी युवाओं की जानकारी इकट्ठा करने का प्रयास किया। दूसरी यात्रा में उन्होंने दो महीने रहकर गहन खोज की और पर्याप्त जानकारी जुटाई। इस दौरान उन्होंने मास्को और अन्य शहरों में कई भारतीय युवाओं और उनके परिवारों से मुलाकात की।