Edited By Kalash,Updated: 01 Jan, 2022 09:40 AM

वर्ष का आखिरी दिन पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू पर दोहरे हमले वाला रहा। एक तरफ मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने जालंधर के पंजाब -
चंडीगढ़ (अश्वनी): वर्ष का आखिरी दिन पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू पर दोहरे हमले वाला रहा। एक तरफ मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने जालंधर के पंजाब आर्म्ड पुलिस कंपलेक्स में बिना नाम लिए नवजोत सिद्धू के पंजाब पुलिस विरोधी बयान पर पलटवार किया तो दूसरी तरफ मंत्री भारत भूषण आशु ने सिद्धू को पार्टी के सभ्याचार का पाठ पढ़ाया। चन्नी ने कहा कि यदि कोई भी पुलिस कर्मचारी के खिलाफ आंख उठाता है या गलत शब्दावली का इस्तेमाल करता है तो वह कर्मचारी पर नहीं बल्कि मेरे या हमारी सरकार के खिलाफ बोलता है।
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चन्नी ने पुलिस कर्मचारियों को उत्साहित करते कहा कि जो व्यक्ति क्रिमिनल है, जो गलत सोच रखता है वास्तव में पंजाब पुलिस को देख कर उसकी पैंट गीली होती है। कुछ दिन पहले नवजोत सिद्धू ने पंजाब पुलिस के खिलाफ विवादत बयान देते हुए एक जनसभा दौरान कहा था कि यह लड़का देखो पीली जैकेट पहन कर गाडर जैसा, थानेदार को दबका मारे तो वह पैंट कर देता है गीली।
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उधर, एक बातचीत के दौरान मंत्री भारत भूषण आशु ने सीधे सिद्धू पर निशाना साधते हुए कहा कि सिद्धू को कांग्रेस पार्टी का कल्चर सीखना पड़ेगा। आशु ने कहा कि जब सामुहिक जिम्मेदारी है तो फैसले सामुहिक होंगे। आज अनिश्चितता की स्थिति है और लीडरशिप को इकठ्ठा हो कर चलना होगा। आशु ने यह भी कहा कि वह कांग्रेस छोड़ कर कहीं नहीं जा रहे हैं। इससे पहले संसद मैंबर रवनीत सिंह बिट्टू भी नवजोत सिद्धू का कई बार खुल कर विरोध कर चुके हैं। बिट्टू ने भी सिद्धू पर सीधे हमला करते कहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू बातें करने की बजाय काम करके दिखाए। बिट्टू ने सिद्धू की तरफ से बार-बार पंजाब मॉडल की बात दोहराने पर भी तंज कसते कहा थी कि पंजाब मॉडल को हवा में नहीं देखा जा सकता।
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इसी कड़ी में नवजोत सिंह सिद्धू की तरफ से बार-बार चुनावों से पहले मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान करने के बयान को कांग्रेस के नेताओं ने आड़े हाथों लिया है। पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ तो खुले तौर पर कह चुके हैं कि हाईकमान का स्पष्ट फैसला है कि इस बार चुनाव संयुक्त नेतृत्व के अधीन ही लड़ी जाएंगी। साफ है कि जैसे-जैसे 2022 चुनाव नजदीक आ रहे हैं, पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ विरोधी सुर भी तेज होते जा रहे हैं।
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