Edited By swetha,Updated: 15 Apr, 2019 08:29 AM
सिख फॉर जस्टिस ने न्यूयार्क स्थित अपने हैडक्वार्टर से जारी बयान में कहा है कि पंजा साहिब से शुरू होने वाली खालिस्तान रैफरैंडम 2020 की टीम रजिस्ट्रेशन पर पाकिस्तान ने मोदी सरकार के दबाव डालने पर पाबंदी लगा दी है।
चंडीगढ़/न्यूयार्क(भुल्लर): सिख फॉर जस्टिस ने न्यूयार्क स्थित अपने हैडक्वार्टर से जारी बयान में कहा है कि पंजा साहिब से शुरू होने वाली खालिस्तान रैफरैंडम 2020 की टीम रजिस्ट्रेशन पर पाकिस्तान ने मोदी सरकार के दबाव डालने पर पाबंदी लगा दी है। संस्था का कहना है कि पाकिस्तान सरकार के कहने पर सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पाकिस्तान की तरफ से खालिस्तानी कार्यकर्ता को टीम 2020 की रजिस्ट्रेशन के लिए पाकिस्तान आने का न्यौता दिया गया था।
खालिस्तान कार्यकर्ता, जो अमरीका और यूरोप से अप्रैल के पहले हफ्ते पाकिस्तान पहुंचे हुए थे, को पंजा साहिब में खालिस्तान के बैनर लगाने नहीं दिए गए। इसके साथ रजिस्ट्रेशन पर पाबंदी लगा दी गई। संस्था के वकील गुरपतवंत सिंह पन्नू का कहना है कि खालिस्तान रैफरैंडम 2020 की टीम रजिस्ट्रेशन पर पाबंदी के बाद अब पाकिस्तान के साथ भी लाइनें खींची जा चुकी हैं।
पन्नू ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान और जनरल बाजवा ने रैफरैंडम 2020 की टीम रजिस्ट्रेशन पर पाबंदी लगा भारत के साथ खड़े होकर आजादी पसंद सिखों और पाकिस्तान के बीच रिश्ते खत्म कर लिए हैं। सिख्स फॉर जस्टिस साफ करना चाहती है कि गोपाल सिंह चावला, जिसे पाकिस्तान सरकार खालिस्तान के चैम्पियन के तौर पर पेश करती है, का रैफरैंडम 2020 मुहिम से कोई संबंध नहीं है।