प्रशासन की नाकामी के कारण करोड़ों रुपए की धान बर्बाद -शैलर मिल्लर

Edited By Tania pathak,Updated: 24 Oct, 2020 02:19 PM

paddy waste of crores of rupees

शैलर मिल्लरों ने फैसला लिया कि भविष्य में लोकल और आस-पास मंडियों में शैलर मिल्लर बासमती की धान की फसल की खरीद नहीं करेंगे...

जलालाबाद (सेतिया,सुमित,टीनू ): बाहर के राज्यों से आ रही बासमती 1121 धान की फसल को किसान जत्थेबंदियों द्वारा रास्ते में रोक कर वापस भेजने के मामले के रोष शैलर मिल्लरों की मीटिंग शहर के शिव भवन में सम्पन्न हुई। मीटिंग दौरान दर्जन से अधिक बासमती शैलर मिल्लर मास्टर बलविन्दर सिंह गुराया, इन्द्रजीत सिंह मदान, अश्वनी सिडाना, रजिन्दर घीक, दर्शन लाल वधवा, हेमंत वलेचा, विक्की कुमार, अशोक गिरधर, कपिल गुम्बर, नीटा बजाज, टिक्का गुरप्रताप सिंह, अशीष कुमार, अमित, वरुण छाबड़ा, साहिल मिड्ढा, राकेश मिड्ढा, राहुल बजाज, गौरव मिड्ढा, हरीश सेतिया, रमन‌ सिडाना गुल्लू गुराया, अमित जिन्दल ने भाग लिया। 

इस दौरान शैलर मिल्लरों ने फैसला लिया कि भविष्य में लोकल और आस-पास मंडियों में शैलर मिल्लर बासमती की धान की फसल की खरीद नहीं करेंगे। मीटिंग दौरान राइस मिल्लरों ने गुस्से भरे लहजे से प्रशासन और सरकार को चेतावनी दी कि पिछले एक हफ्ते से प्रशासन और सरकार को अवगत करवाने के बावजूद उन के द्वारा खरीद किए गए धान को जबरन वापस भेजा जा रहा है और जबकि मार्केट कमेटी और फूड इंस्पेक्टरों की निगरानी में वह धान की क्वालिटी भी चैक करवा चुके हैं। शैलर मिल्लरों ने रोष प्रकट करते कहा कि सरकार द्वारा परमल धान की फसल और एमएसपी लागू है जबकि बासमती की खरीद बिल्कुल फ्री है। उन्होंने कहा कि किसान जत्थेबंदियों में मौजूद कुछ लोगों की तरफ से जबरन उन के ट्रक रोके गए और कुछ दिन ले जाए रहने के बाद उनके ट्रक प्रशासन की नाक के नीचे वापिस भेज दिए गए। 

शैलर मिल्लरों ने कहा कि धान में नमी होने के कारण उनकी तरफ से मंगवाया गया माल रास्ते में ही खराब हो गया और जिस कारण उन को करोड़ों रुपए के नुकसान हो चुका है। शैलर मिल्लरों ने कहा कि पहले ही राइस इंडस्ट्रीज अंतिम सांस पर पहुंच चुकी है और यदि राइस इंडस्ट्रीज ही खत्म हो गई तो फिर धान की खरीद कौन करेगा। उन्होंने कहा कि कृषि बिल के खिलाफ किसानों के संघर्ष को ले कर वह बिल्कुल किसानों के साथ खडे हैं परन्तु वह अपना बिना वजह नुक्सान नहीं बर्दाश्त कर सकते। 

राइस मिल्लरों ने कहा कि बासमती की खरीद वह सरकारी मापदण्डों अनुसार फीस भरकर कर रहे हैं और फिर भी बिना वजह उनके द्वारा खरीद किए गए माल को रास्ते में रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि दूसरे राज्यों के लोग यह कहने कि वह पंजाब का किन्नूं या और लोग फसल इधर नहीं बेचने देंगे तो यहां के किसानों का क्या हाल होगा। परन्तु जत्थेबंदी की आड में उन नुकसान किया जा रहा है और इस नुकसान के रोष स्वरूप उन्हों ने फैसला किया है कि वह यहाँ से धान का एक दाना भी खरीद नहीं करेंगे। 

उन्होंने कहा कि प्रशासन और पंजाब सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि शैलर मिल्लर जो मापदण्डों अनुसार बासमती धान की फसल मंगवा रहे हैं उन को न रोका जाए परन्तु फिर पंजाब में कोई भी कानून नहा की कोई चीज नहीं रह गई है जिस कारण उन का बिना वजह नुकसान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सोमवार तक शैलर मिल्लरों को प्रशासन और सरकार ने कोई सुरक्षा की भरोसा न दिया तो जल्दी ही वह अपने संघर्ष को राज्य स्तर पर लेकर जाएंगे और राज्यों में धान की खरीद नहीं करेंगे। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!