फिर गरमाने लगा ढिल्लों ब्रदर्ज का मामला, पूर्व इंस्पेक्टर नवदीप सिंह बारे हुए अहम खुलासे

Edited By Urmila,Updated: 27 Oct, 2024 02:15 PM

new twist in dhillon brothers case

जश्नप्रीत ढिल्लों और उसके पिता का डी.एन.ए. फेल होने के बाद मामला नया रुख ले रहा है।

जालंधर : जश्नप्रीत ढिल्लों और उसके पिता का डी.एन.ए. फेल होने के बाद मामला नया रुख ले रहा है। ढिल्लों ब्रदर्स ने जब ब्यास दरिया में छलांग लगाई तो उसके 48 घंटे बाद मानवप्रीत का मोबाइल ऑन हुआ और लोकेशन तरनतारन की निकली थी, जिसके बाद ढिल्लों परिवार मानवप्रीत का पता न लगने पर इंस्पैक्टर नवदीप सिंह पर शव खुर्दबुर्द करने के आरोप लगाए थे लेकिन अब यह बात सामने आई है कि उस समय नवदीप सिंह के मोबाइल की लोकेशन जालंधर के इंडस्ट्री एरिया की निकली थी।

वहीं अब यह बात भी सामने आई है कि शिकायतकर्त्ता पक्ष ने माननीय सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा कर नवदीप सिंह पर आरोप लगाए थे कि नवदीप सिंह ने जश्नप्रीत के साथ भी मारपीट की थी लेकिन पूर्व इंस्पैक्टर के मोबाइल रिकॉर्ड निकाले तो पता लगा कि दोनों कभी भी एक-दूसरे से मिले ही नहीं थे। उनके मोबाइल लोकेशन के टावर कभी भी एक नहीं निकले थे।

इसके अलावा कमिश्नरेट पुलिस ने एस.आई.टी. और सुल्तानपुर कोर्ट में अपना पक्ष रख कर कहा कि नवदीप सिंह ने कानून के अनुसार ही मानवप्रीत पर कार्रवाई की थी जबकि उसके दो बार हुए मैडीकल में भी मारपीट होने के सबूत नहीं मिले। अब सवाल यह बनता है कि जिन लोगों को नवदीप सिंह जानते ही नहीं थे और एक एस.एच.ओ. की पावर इस्तेमाल करते हुए थाने में मुलाजिमों के साथ बदसलूकी करने पर एक्शन करने की रिपोर्ट भी दायर कर दी गई तो फिर खुदकुशी के लिए उकसाया कैसे जा सकता है।

हालांकि कानून के मुताबिक आई.पी.सी. की धारा 306 के तहत तभी कोई कार्रवाई हो सकती है जबकि आरोपी और पीड़ित एक-दूसरे को अच्छे तरीके से जानते हों। पीड़ित की कोई वीडियो, सुसाइड नोट या फिर पीड़ित की मौत से पहले दिए बयानों पर धारा 306 स्टैंड कर सकती है।

हालांकि शिकायतकर्त्ता मानवदीप उप्पल ने अब यह बात भी पंजाब केसरी को बताई कि ब्यास दरिया पर जब मानवप्रीत ढिल्लों और वह खुद गए तो पहले से ही पुल पर मौजूद जश्नप्रीत के पास अकेला मानवप्रीत ढिल्लों ही था और उसे दूर रहने को कहा था। इस दौरान दोनों भाई एक-दूसरे से करीब पौने घंटे तक बातें करते रहे और बाद में दरिया में छलांग लगा दी। यह बात भी अब सामने आई है कि जिस समय थाना 1 में मानव ढिल्लों ने बदसलूकी की थी तो मौके पर मौजूद 8 चश्मदीद गवाहों ने एस.आई.टी. समक्ष बयान दे दिए है कि मानव ढिल्लों की गलती के कारण ही पुलिस ने उसके खिलाफ 107/51 की कारवाई थी।

वहीं कपूरथला पुलिस इस मामले में कोई भी निर्णय नहीं ले पा रही है। हैरान करने वाली बात है कि इस मामले में कपूरथला पुलिस ने मात्र केस दर्ज होने के अलावा कोई भी स्टेटमैंट नहीं दी जिससे साफ है कि कहीं न कहीं कपूरथला पुलिस ने उस शव के मिलने के बाद केस दर्ज कर लिया, जिसको लेकर अभी क्लियर ही नहीं हो पाया कि वह शव जश्न का या फिर किसी और का था।

मानवदीप उप्पल ने राजीनामा करने को कहा तो बना ली दूरी: जतिंदर पाल ढिल्लों

उधर इस संबंधी ढिल्लो ब्रदर्स के पिता जतिंदर पाल ढिल्लों का कहना है कि मानव बिना उनकी मंजूरी से जांच के दस्तावेज सार्वजनिक कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि शव जश्न का ही था, क्योंकि उसके जूते और पेंट वही थी जो वह 17 अगस्त 2023 को घर से पहन कर निकला था। इसके अलावा उसकी जेब से जालंधर वाले कमरे की चाबी भी मिली है। हालांकि यह क्लियर नहीं हो पाया है कि उक्त चाबी से कपूरथला पुलिस ने उक्त कमरे के ताले को लगा कर चैक किया था या फिर नहीं।

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