Edited By Kamini,Updated: 16 Oct, 2024 06:49 PM
अगर आप भी किराए के मकान में रहते हैं तो ये खास खबर आपके लिए है।
पंजाब डेस्क : अगर आप भी किराए के मकान में रहते हैं तो ये खास खबर आपके लिए है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने किराएदार और मकान मालिक के बीच हुए मामले की सुनवाई करते हुए नए आदेश जारी किए हैं। सुनवाई में कहा गया है कि संपत्ति का मालिक किराएदार को संपत्ति खाली करने का कोई भी कारण बता सकता है। इस पर किराएदार कोई सवाल भी नहीं उठा सकता है। हाईकोर्ट के इस आदेशों पर संपत्ति मालिक के हक और ज्यादा मजबूत हो गए हैं।
अदालत ने कहा कि किरायेदार यह तय नहीं कर सकता कि संपत्ति के मालिक की जरूरतें क्या होनी चाहिए। वह जब चाहे अपनी संपत्ति अपने किरायेदारों को खाली करा सकता है। जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि संपत्ति मालिक के लिए किरायेदार को घर खाली करने का कोई कारण बताना जरूरी नहीं है। यदि संपत्ति का मालिक यह दावा करता है कि उसे किसी कारण से किरायेदार को दिए गए परिसर की आवश्यकता है, तो उसकी आवश्यकता वास्तविक मानी जानी चाहिए। हाई कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया कि मकान मालिक एक अमीर परिवार से था और उसकी दुकान में काम बढ़ाने का कारण बताना उचित नहीं है।
आपको बता दें कि लुधियाना के 2 किरायेदारों सतीश कुमार और कोमल ने यह याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि सिर्फ इसलिए क्योंकि मकान मालकिन बूढ़ी हो गई हैं। जैसा कि याचिकाकर्ताओं के वकील ने तर्क दिया, वह व्यवसाय नहीं कर सकती। इस आधार पर दुकान खाली करने का आदेश रद्द नहीं किया जा सकता। बता दें कि साल 1995 से पहले इस मामले में किरायेदारों को 700 रुपए प्रति माह पर 2 दुकानें किराए पर दी जाती थीं। वर्ष 2010 में किराया नहीं दिया गया। इसके बाद मकान मालिक ने जरूरत पड़ने पर दुकानें खाली करने को कहा, लेकिन उन्होंने दुकानें खाली नहीं कीं। इसके बाद मामला कोर्ट तक पहुंच गया।
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