Edited By swetha,Updated: 05 Sep, 2019 10:19 AM
जिला गुरदासपुर के बटाला में बुधवार दोपहर 3.30 बजे पटाखा फैक्टरी में विस्फोट होने से कम से कम 23 लोगों की मौत हो गई जबकि 27 के करीब लोग घायल हो गए।
बटाला: जिला गुरदासपुर के बटाला में बुधवार दोपहर 3.30 बजे पटाखा फैक्टरी में विस्फोट होने से कम से कम 23 लोगों की मौत हो गई जबकि 27 के करीब लोग घायल हो गए।
मृतकों में फैक्टरी मालिक सहित उसके परिवार के 6 लोग भी शामिल हैं। फैक्टरी 3.30 से 3.31 बजे के बीच 3 धमाके हुए हैं। आर.डी.एक्स. जैसे शक्तिशाली धमाकों की आवाज करीब 1 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी।
धमाके से 200 मीटर इलाके में स्थित इमारतें भी क्षतिग्रस्त हो गईं व कइयों के शीशे टूट गए तथा पार्किंग में खड़ी गाडियां हवा में उछल गईं। इस भयानक हादसे के बाद हर तरफ चीख पुकार मची उठी थी। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।
बताया गया है कि चिंगारी से अचानक कुछ पटाखों में विस्फोट हुआ और तेजी से उसने पूरी फैक्टरी में रखे विस्फोटक को अपनी चपेट में ले लिया जिससे भीषण विस्फोट हुआ। सूचना मिलने के बाद पुलिस व राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल की टीमें राहत कार्य में जुट गई।
पटाखा फैक्टरी के नियम
- पटाखा फैक्टरी आबादी से करीब एक किलोमीटर दूर होनी चाहिए।
- बिजली सप्लाई के लिए हाईटैंशन तार, ट्रांसफार्मर के आसपास फैक्टरी नहीं होनी चाहिए।
- अग्निशमन विभाग और संबंधित थाना पुलिस की एन.ओ.सी. के बाद ही फैक्टरी संचालित होती है।
- पटाखा फैक्टरी, निर्माता या दुकानदार के पास लाइसैंस होना अनिवार्य।
- फैक्टरी या दुकान में दीवारों पर धूम्रपान निषेध के सूचना बोर्ड, क्रेता का नाम लिखा होना आवश्यक है।
- अग्निशमन यंत्र होना, आग बुझाने के लिए रेत की बाल्टी, पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।
- फैक्टरी या दुकान में गैस सिलैंडर, लैंप, लालटेन, अगरबत्ती सहित ज्वलनशील पदार्थ पर पाबंदी होनी चाहिए।
- फैक्टरी संचालक, दुकानदार के पास आतिशबाजी का अनुभव प्रमाणपत्र होना चाहिए।
- संचालक, फैक्टरी कर्मचारियों को अग्निशमन यंत्र चलाने की जानकारी हो।
- मजदूरों के लिए दस्ताने, स्पैशल ड्रैस, मास्क सहित अन्य सुरक्षा के उपकरण होने चाहिएं।
- मौके पर प्राथमिक उपचार, फर्स्ट एड बॉक्स होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे चलाने पर लगा दी थी पूर्ण पाबंदी
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली सहित अन्य त्यौहारों/उत्सवों के मौके पर पटाखे चलाने पर पहले पूरी तरह से पाबंदी लगा दी थी लेकिन बाद में अपने फैसले पर रिव्यू के बाद केवल 2 घंटे 8 से 10 बजे तक ही पटाखे चलाने की अनुमति दी थी।