Edited By swetha,Updated: 22 Jan, 2020 02:01 PM
मुक्तसर जिले के गांव दोदा में रहने वाले सेना के जवान ने एक ऐसा रोबोट बनाया है, जो न सिर्फ सेना के आर्थिक बोझ को कम करेगा बल्कि जवानों की कीमती जान भी बचाएगा।
श्री मुक्तसर साहिबःमुक्तसर जिले के गांव दोदा में रहने वाले सेना के जवान ने एक ऐसा रोबोट बनाया है, जो न सिर्फ सेना के आर्थिक बोझ को कम करेगा बल्कि जवानों की कीमती जान भी बचाएगा।
2004 में आर्मी इंजीनियर कोड के बम सैकुअड दस्ते में तैनात गांव दोदा के धर्मजीत ने बताया कि उसे शुरू से ही खिलौने आदि बनाने का शौक था। उसने देखा कि सेना में बम को रिफ्यूज करने वाले रोबोट को व्यक्ति को खुद उसके नजदीक लेकर जाना पड़ता है। ऐसी हालत में यदि बम फट जाए तो सेना के जवान की जान चली जाती है। उन्होंने बताया कि जो आटोमैटिक उपकरण सेना बम को रिफ्यूज करने के लिए इस्तेमाल कर रही थी, उसकी कीमत 1.75 करोड़ रुपए है। इस उपकरण में यदि कोई खराबी आ जाये तो उसे ठीक कराने पर 3-4 माह का समय लग जाता है।
इस दरमियान उसने खुद रोबोट बनाने की सोची, जिसको बनाने में उसने दिन-रात एक कर दिया। उसके सीनियर्स ने उससे कहा कि यह कठिन काम है, परन्तु जैसे वह कामयाब हुआ, उसकी हर किसी ने सराहना की। केवल 1 लाख रुपए के करीब तैयार किए रोबोट को सेना की तरफ से मान्यता दे दी गई है। रोबोट बनाने पर जहां उच्च आधिकारियों के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उसको सम्मानित किया।