zomato के सामने नई मुसीबत, 8000 होटलों और रैस्टोरैंटों ने किया गोल्ड डिलीवरी का बॉयकाट

Edited By Vatika,Updated: 26 Nov, 2019 01:54 PM

zomato gold delivery

नैशनल रैस्टोरैंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एन.आर.ए.आई.) के कई सदस्यों के ऑनलाइन फूड डिलीवरी और सर्च एग्रीगेटर स्विगी और जोमैटो की डाइन-इन सर्विस से बाहर निकल जाने का बाद जोमैटो के सामने एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है।

नई दिल्ली(विशेष): नैशनल रैस्टोरैंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एन.आर.ए.आई.) के कई सदस्यों के ऑनलाइन फूड डिलीवरी और सर्च एग्रीगेटर स्विगी और जोमैटो की डाइन-इन सर्विस से बाहर निकल जाने का बाद जोमैटो के सामने एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। इंडियन होटल एंड रैस्टोरैंट एसोसिएशन ने जोमैटो गोल्ड प्रोग्राम के अंतर्गत जोमैटो की डिलीवरी सर्विस का बॉयकाट कर दिया। संस्था का कहना है कि जोमैटो गोल्ड  मैंबर्स को मिलने वाले बड़े डिस्काऊंट्स, अवैध रूप से चलने वाले किचन से खाना डिलीवरी की शिकायत मिलने और डिलीवरी एग्जीक्यूटिव की अनुपलब्धता के चलते वह तुरंत प्रभाव से जोमैटो गोल्ड का बहिष्कार कर रही है। देशभर के 8000 होटल व रैस्टोरैंट इस संस्था के सदस्य हैं। एसोसिएशन के प्रैसीडैंट संतोष शैट्टी का कहना है कि हमने जोमैटो को साफ तौर पर कह दिया है कि हम पूरी तरह से जोमैटो गोल्ड डिलीवरी के खिलाफ हैं और चाहते हैं कि इसे खत्म कर दिया जाए। हालांकि अभी तक जोमैटो ने इस तरफ कोई कार्रवाई नहीं की है। जोमैटो गोल्ड तहत ऑर्डर करने वालों को हर ऑर्डर पर एक फ्री डिश दी जाती है। सितम्बर में जोमैटो गोल्ड का डिलीवरी सर्विस में भी विस्तार किया था। इससे पहले तक यह सिर्फ जोमैटो से जुड़े रैस्टोरैंट में जाकर खाना खाने पर लागू होता था। 2017 में लांच जोमैटो गोल्ड प्रोग्राम का विरोध रैस्टोरैंट इंडस्ट्री विरोध करती रही है। इंडस्ट्री का कहना है कि इससे उनके मुनाफे पर असर पड़ रहा है।
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ऐसे शुरू हुआ विवाद
रैस्टोरैंट मालिकों की नाराजगी जोमैटो के गोल्ड प्रोग्राम को लेकर है। जोमैटो ने अपने गोल्ड प्रोग्राम के जरिए करोड़ों रुपए जुटाए हैं। अर्जित की गई राशि कम्पनी की स्थापना के समय से अर्जित कुल राशि का 60 प्रतिशत है। इस प्रोग्राम तहत कम्पनी गोल्ड क्लब के मैंबरों को टेबल बुकिंग पर 50 प्रतिशत तक का डिस्काऊंट उपलब्ध करवाती है। रैस्टोरैंट मालिकों का कहना है कि भारी डिस्काऊंट से उनके बिजनैस को काफी नुक्सान हो रहा है। इसके विरोध में विभिन्न शहरों में करीब 1200 से अधिक रैस्टोरैंट गोल्ड प्लेटफार्म से खुद को अलग कर चुके हैं। कम्पनी ने रैस्टोरैंट मालिकों से अपील की है कि वे उसके प्लेटफार्म से न हटें। कम्पनी ने 2017 में जोमैटो गोल्ड की शुरूआत कर इसके मैंबरों की संख्या बढ़ाकर अपना रैवेन्यू बढ़ा लिया। वहीं रैस्टोरैंट मालिकों का कहना था कि शुरू में जिस बात को लेकर इस प्रोग्राम की शुरूआत की गई थी अब उसमें बिल्कुल ही बदलाव आ गया है। पहले देशभर में गोल्ड क्लब के सदस्यों की संख्या को लेकर 5000 से 10,000 तक सीमित रखने का प्लान था। इसका उद्देश्य ग्राहकों को आकर्षित करना और बिक्री को बढ़ाना था। हालांकि, जोमैटो गोल्ड के यूजर्स का संख्या बढ़कर 13 लाख पहुंच चुकी है। गोल्ड प्रोग्राम तहत जोमैटो जहां एक तरफ यूजर्स से सब्सक्रिप्शन फीस लेता है, वहीं रैस्टोरैंट मालिकों से भी इसमें शामिल होने के लिए ज्वाइनिंग फीस लेता है। पहले यह फीस 40 हजार रुपए थी जो अब बढ़कर 75 हजार रुपए हो गई है। 

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बदली जाएं जोमैटो की शर्तें
संस्था का कहना है कि जोमैटो गोल्ड से होटल्स और रैस्टोरैंट्स को कोई फायदा नहीं मिलता है। सारा फायदा जोमैटो को होता है। एसोसिएशन ने मांग की कि गोल्ड सर्विस को हटाने से केवल उन रैस्टोरैंट्स को सर्विस करने की अनुमति मिले जिनके पास वैध लाइसैंस हैं और जोमैटो द्वारा चार्ज किए जाने वाले मनमाने चार्ज खत्म हों और ग्राहकों को दिए जाने वाले भारी-भरकम डिस्काऊंट्स बंद हों जिससे रैस्टोरैंट घाटे में जा रहे हैं।

 

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