DC के साथ विवाद के बाद सुखजिंदर रंधावा के बड़े आरोप, लोकसभा स्पीकर को लिखा पत्र

Edited By Urmila,Updated: 02 Oct, 2024 02:55 PM

sukhjinder randhawa makes big allegations after dispute with dc

बीते दिनों कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रताप बाजवा और त्रिपत बाजवा की डी.सी. दफ्तर में हुई तीखी बहस के मामले में रंधावा का बड़ा बयान दिया है।

गुरदासपुर : (विनोद): गुरदासपुर से सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी में उनका और उनके सहयोगियों का अपमान करने के लिए जिलाधीश गुरदासपुर उमा शंकर गुप्ता के खिलाफ लोकसभा स्पीकर को पत्र लिख कर विशेषाधिकार प्रस्ताव लाकर राजनीतिक और सरकारी हलकों में हलचल मचा दी है जिससे बीते दिनों कांग्रेसी नेताओं व जिलाधीश स्टाफ के बीच चल रहे विवाद ने नया मोड़ लिया है।

जानकारी के अनुसार सुखजिन्द्र सिंह रंधावा ने लोकसभा स्पीकर को लिखे पत्र में पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) जुगराज सिंह, एडीसी (विकास) गुरप्रीत सिंह भुल्लर और एडीसी (जनरल) सुरिंदर सिंह को गवाह बनाया है। घटना के वक्त ये सभी अधिकारी जिलाधीश कार्यालय में मौजूद थे।

वणर्नीय है कि लोकसभा सांसदों को विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां प्राप्त हैं जो उन्हें अपने कर्तव्यों को पूरा करने में मदद करती हैं। विशेषाधिकार प्रस्ताव सांसद सदस्यों द्वारा उनके अधिकारों, शक्तियों और गरिमा को कमजोर करने वाली किसी भी कार्रवाई को चुनौती देने वाली एक औपचारिक शिकायत है।

बता दें कि कांग्रेसियों के मंगलवार के धरने के बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा, पंजाब विधानसभा में विपक्षी नेता प्रताप सिंह बाजवा, पूर्व कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और गुरदासपुर के कांग्रेसी विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा जिलाधीश से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे थे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की शिकायत थी कि पंचायत चुनाव के मद्देनजर प्रशासन उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं दे रहा है। यदि कोई उम्मीदवार पंचायत चुनाव लड़ना चाहता है तो उसके लिए एनओसी एक अनिवार्य दस्तावेज है। जिलाधीश ने तीन लोगों को कार्यालय में आकर अपनी बात रखने को कहा,परंतु कांग्रेसी नेताओं ने जिलाधीश की यह शर्त अस्वीकार कर दी तथा सभी वरिष्ठ नेता व अन्य नेता जिलाधीश कार्यालय में प्रवेश कर गए।

रंधावा और पाहड़ा की जिलाधीश के साथ करीब आधे घंटे तक नोकझोंक चलती रही। हालांकि, अफरा तफरी के दौरान तृप्त बाजवा और प्रताप बाजवा ने संयम बनाए रखने की कोशिश की। रंधावा ने आरोप लगाया कि जिलाधीश ने उन्हें अपना कार्यालय से बाहर चले जाने के लिए कहा।

क्या कहना है जिलाधीश उमा शंकर गुप्ता का 

जिलाधीश गुरदासपुर उमा शंकर गुप्ता का कहना है कि उन्होंने किसी को बाहर जाने के लिए नहीं कहा। यह आरोप लगाकर राई का पहाड़ बनाने की कोशिश की जा रही है। जिलाधीश के मुताबिक जब सुखजिंदर रंधावा उनसे चर्चा कर रहे थे तो उन्हें चाय दी गई। वे किसी सांसद या विधायक को अपना कार्यालय छोड़ने के लिए कहने के बारे में कभी सोच भी नहीं सकते।
प्रताप बाजवा ने आरोप लगाया कि असल में आप के एक मौजूदा विधायक ने इस जिले के सभी पंचायत सचिवों का अपहरण कर लिया है और उन्हें अपने घर में बंधक बना रखा है। इस बारे में जिलाधीश को बताने की हम सभी कोशिश कर रहे थे। हमारी बात सुनने के बजाय अधिकारी दूसरे बहाने बनाता रहा और कोई जवाब नहीं दिया जिस कारण तनाव का वातावरण बना।

जानें पूरा मामला

बीते दिनों कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रताप बाजवा और त्रिपत बाजवा की डी.सी. दफ्तर में हुई तीखी बहस के मामले में रंधावा का बड़ा बयान दिया है। इस मामले की जानकारी पत्रकारों को देते हुए कांग्रेसी नेता सांसद मेंबर सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि जब दिशा कमेटी की बैठक होती है तो डी.सी. का कर्तव्य होता है कि वह सांसद को बाहर तक छोड़ कर आएं लेकिन डी.सी. ने ऐसा नहीं किया, जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया।

रंधावा ने कहा कि बीते दिन बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा ने डी.सी. को सूचना दी कि कल आपके दफ्तर में 12 बजे सुखजिंदर सिंह रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और प्रताप सिंह बाजवा के साथ बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा आ रहे हैं। बताने के बावजूद डी.सी. अपने कार्यालय नहीं आए तो इसलिए वह ए.डी.सी. के पास जाकर बैठे गए। ए.डी.सी. द्वारा बुलाये जाने पर डी.सी. 20-25 मिनट बाद आये, जिससे उनका अपमान हुआ।

रंधावा ने कहा कि 2 दिन पहले इसी डी.सी. ने उन्होंने और प्रताप बाजवा ने कादिया में हुए बस हादसे को लेकर 2 वार फोन किया  लेकिन उन्होंने उनके कॉल का जवाब नहीं दिया। वह डीसी से पूछना चाहते थे कि उन्होंने हादसे में घायल हुए लोगों के इलाज के लिए क्या व्यवस्था की है, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। फिर उन्होंने मुख्य सचिव को फोन किया, जिनका वह  धन्यवाद करते हैं। उन्होंने उनके फोन का जवाब देते हुए कहा कि वह अभी आर्डर पास करते हैं और सभी घायलों का इलाज किया जाएगा। इसके बाद पत्रकारों के सामने ही प्रताप बाजपा ने स्वास्थ्य मंत्री को फोन किया, जिन्होंने सभी जरूरी इंतजाम किये।

रंधावा ने कहा कि डी.सी. ने एक बार नहीं बल्कि कई बार उनके फोन का जवाब नहीं दिया। उन्होंने डी.सी. से पूछा कि आप उनके फोन का जवाब क्यों नहीं देते। क्या आप हमें न्याय नहीं देंगे? अगर आप उन्हें इंसाफ नहीं देंगे तो वह जाते हैं, तो डी.सी. ने कहा कि उन्होंने भी सरकारी काम करने हैं। रंधावा ने कहा कि वह इस डी.सी. की ये शिकायत लोकसभा स्पीकर को खुद देने जा रहा हैं। रंधावा ने आरोप लगाया कि डी.सी. ने उन्हें अपना कार्यालय से जाने के लिए कहा।

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