Edited By Kamini,Updated: 18 Dec, 2025 03:09 PM

जिले में पिछले कुछ दिनों से पड़ रही सूखी ठंड का आम जीवन पर गहरा असर पड़ा है।
गुरदासपुर (विनोद): जिले में पिछले कुछ दिनों से पड़ रही सूखी ठंड का आम जीवन पर गहरा असर पड़ा है। तापमान में गिरावट और माहौल में नमी की कमी के कारण सर्दी, खांसी, गले और नाक की बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या रिकॉर्ड दर से बढ़ रही है। सरकारी अस्पतालों, प्राइवेट अस्पतालों और छोटे क्लीनिकों में ऐसे मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन तेजी से बढ़ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि इन सभी बीमारियों से सिर्फ बारिश ही राहत देगी।
दूसरी ओर, गुरदासपुर जिले में बढ़ते प्रदूषण के साथ-साथ सूखी सर्दी का लोगों की सेहत पर गहरा असर पड़ रहा है। गुरदासपुर में बहुत ज्यादा प्रदूषित माहौल का गले और छाती की बीमारियों पर भी गंभीर असर पड़ रहा है। हवा में तैरते धूल के कण और ग्रामीण इलाकों और शहरों में टूटी-फूटी सड़कों ने शहर को पूरी तरह धूल से ढक दिया है। रेत, बजरी, मिट्टी और दूसरी मिट्टी वाली चीजें ले जाने वाली गाड़ियां लगातार धूल उड़ा रही हैं, जिससे सांस लेना मुश्किल हो रहा है। सुबह और शाम के समय हवा में धूल और दूसरे पॉल्यूटेंट्स का मिक्सचर लोगों की हेल्थ पर बुरा असर डाल रहा है। धूल के कणों ने बगीचों और सड़कों के किनारे लगे पेड़ों की हरियाली खत्म कर दी है, जिससे इकोलॉजिकल बैलेंस पर भी असर पड़ रहा है।
डॉक्टरों का मानना है कि अगर यही हाल कुछ और दिन रहा तो अस्थमा, एलर्जी और सांस की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। गुरदासपुर के सीनियर डॉक्टर डॉ. के.एस. बब्बर, मनजिंदर बब्बर, डॉ. हरविंदर देओल, डॉ. राजन अरोड़ा और दूसरे डॉक्टरों के मुताबिक, सूखी सर्दी शरीर की इम्यूनिटी कमजोर करती है और प्रदूषण इस प्रॉब्लम को और बढ़ाता है। डॉक्टरों के मुताबिक, बच्चे, बूढ़े और पहले से सांस की बीमारियों वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। डॉक्टरों ने लोगों को बारिश होने तक मास्क पहनने, गर्म पानी पीने और धूल से खुद को बचाने की सलाह दी है। जब तक बारिश नहीं होती, तब तक हवा में धूल के कण लोगों की हेल्थ पर असर डालते रहेंगे। अगर उनकी हेल्थ खराब होती है, तो दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। एनवायरनमेंटलिस्ट रोटेरियन जनक शर्मा ने एनवायरनमेंट को बेहतर बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की सलाह दी है ताकि भविष्य में ऐसा माहौल न हो।
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