Edited By Vatika,Updated: 16 Dec, 2025 10:59 AM

पंजाब में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के एक गंभीर मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई
फिरोजपुर: पंजाब में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के एक गंभीर मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मालब्रोस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड की करीब 79.93 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है। यह कार्रवाई जालंधर जोनल ऑफिस द्वारा 13 दिसंबर 2025 को की गई। ईडी के अनुसार कुर्क की गई संपत्तियों में जमीन, इमारतें और प्लांट व मशीनरी शामिल हैं। मामला मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत दर्ज किया गया है, जिसकी जड़ें एक पर्यावरण अपराध से जुड़ी हुई हैं।
प्रदूषण से शुरू हुई जांच
इस पूरे मामले की शुरुआत पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से दर्ज कराई गई एक आपराधिक शिकायत से हुई। आरोप है कि मालब्रोस इंटरनेशनल ने जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 का उल्लंघन करते हुए बिना उपचारित गंदे पानी को रिवर्स बोरिंग के जरिए जमीन के नीचे गहरे जलस्त्रोतों में डाला।
भूजल को जहरीला बनाने के आरोप
ईडी की जांच में सामने आया है कि कंपनी की औद्योगिक इकाई, जो गांव मंसूरवाल (तहसील जीरा, जिला फिरोजपुर) में स्थित है, लगातार और सुनियोजित तरीके से बिना ट्रीटमेंट वाले गंदे पानी को जमीन के भीतर और आसपास के इलाकों में छोड़ रही थी। जांच के मुताबिक, यह गंदा पानी न केवल खेतों और नालों में छोड़ा गया, बल्कि पास की एक शुगर मिल की ओर भी बहाया गया।
गांवों में गंभीर असर
ईडी का कहना है कि इस अवैध गतिविधि के कारण भूजल प्रदूषण बड़े स्तर पर हुआ, जिससे आसपास के गांवों में फसलों को नुकसान, पशुओं की मौत और स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर जैसी समस्याएं सामने आईं। इसे अपूरणीय पारिस्थितिक क्षति बताया गया है।
पहले भी हुई थी छापेमारी
इससे पहले 16 जुलाई 2024 को ईडी ने कंपनी और इसके निदेशकों से जुड़े छह ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 78.15 लाख रुपये नकद भी बरामद किए गए थे, जिसे PMLA की धारा 17 के तहत जब्त किया गया था।
जांच जारी
ईडी ने साफ किया है कि यह मामला अभी खत्म नहीं हुआ है और आगे की जांच जारी है। आने वाले दिनों में इस केस में और भी खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। यह कार्रवाई एक बार फिर यह संदेश देती है कि पर्यावरण से खिलवाड़ और उससे कमाई गई अवैध कमाई पर अब कानून का शिकंजा और सख्त होता जा रहा है।