Edited By VANSH Sharma,Updated: 03 Dec, 2025 08:04 PM

वेतन आयोग के एरियर और विभिन्न कॉलेजों में अयोग्य प्रिंसिपलों की नियुक्ति के मुद्दे पर पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अब सख्त रुख अपना लिया है।
लुधियाना (विक्की): 7वें वेतन आयोग के एरियर और विभिन्न कॉलेजों में अयोग्य प्रिंसिपलों की नियुक्ति के मुद्दे पर पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अब सख्त रुख अपना लिया है। इस मामले को लंबे समय से उठाते आ रहे एसोसिएशन ऑफ यूनाइटेड कॉलेज टीचर्स (AUCT), पंजाब व चंडीगढ़ के प्रतिनिधिमंडल ने आज पंजाब यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर डॉ. रेनू विग से मुलाकात की।
प्रो. तरुण घई ने बताया कि यह बैठक देश के उपराष्ट्रपति (यूनिवर्सिटी चांसलर) के कार्यालय से मिले निर्देशों के बाद आयोजित की गई। प्रतिनिधिमंडल में प्रो. जसपाल सिंह, प्रो. तरुण घई, प्रो. अमृतपाल सिंह, प्रो. चरणजीत सिंह, प्रो. दीपक और प्रो. राजिंदर शामिल थे। करीब दो घंटे चली इस महत्वपूर्ण बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी संगठन के महासचिव प्रो. जसपाल सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि 7वें वेतन आयोग और एरियर के मुद्दे पर वाइस चांसलर ने 31 जनवरी तक का समय मांगा है। वीसी ने स्पष्ट चेतावनी दी कि इस समय सीमा के बाद कोताही बरतने वाले कॉलेजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, यहां तक कि उनकी संबद्धता (Disaffiliation) भी रद्द की जा सकती है। संगठन ने इस समय सीमा को स्वीकार कर लिया है क्योंकि इस दौरान यूनिवर्सिटी सभी कॉलेज प्रिंसिपलों को शिक्षकों के वेतन रिकॉर्ड सहित तलब करेगी।
अयोग्य प्रिंसिपलों की नियुक्ति के मुद्दे पर वीसी ने स्वीकार किया कि गलत चयन प्रक्रिया में यूनिवर्सिटी पैनल सदस्यों से भी चूक हुई है। उन्होंने आदेश दिया कि इस मामले में 7 दिनों के भीतर एक जांच कमेटी गठित की जाए। यह कमेटी एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट वीसी को सौंपेगी।
जांच प्रक्रिया में शिकायतकर्ता प्रो. तरुण घई को भी शामिल किया जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद इन प्रिंसिपलों की अप्रूवल रद्द करने पर फैसला लिया जाएगा। संगठन के अध्यक्ष प्रो. तरुण घई और महासचिव प्रो. जसपाल सिंह ने उम्मीद जताई है कि शिक्षकों को 7वां वेतन आयोग दिलाने और अयोग्य प्रिंसिपलों की नियुक्ति रद्द करवाने में जल्द सफलता मिलेगी।
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