Inspector गगनदीप सेखों सहित 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, जानें क्या है पूरा मामला

Edited By Kalash,Updated: 03 Dec, 2025 10:58 AM

high court stays fir against 5 policemen

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के मानवाधिकार पैनल के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें 2 भाइयों को कथित रूप से प्रताड़ित करने के आरोप में 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने का निर्देश दिया गया था।

चंडीगढ़ (गम्भीर): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के मानवाधिकार पैनल के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें 2 भाइयों को कथित रूप से प्रताड़ित करने के आरोप में 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। अंतरिम आदेश जारी करते हुए चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि मानवाधिकार आयोग ने सिफारिश करने के बजाय कार्यकारी अधिकारियों द्वारा अनुपालन किए जाने वाले निर्देश और आदेश जारी करके अपने कार्यक्षेत्र से बाहर जाकर काम किया है।

खंडपीठ जालंधर डिवीजन नंबर-3 थाने के इंस्पैक्टर गगनदीप सिंह सेखों, सहायक उप-निरीक्षकों सतनाम सिंह और मक्खन सिंह, कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह और हरसिमरनजीत सिंह द्वारा दायर एक दीवानी रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्होंने आयोग के 13 अक्तूबर के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें  जालंधर पुलिस आयुक्त को अपहरण, गलत तरीके से बंधक बनाने, लोक सेवक द्वारा कानून की अवहेलना, सांझा इरादे और आपराधिक साजिश के लिए भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत एफ.आई.आर. दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। पीठ ने कहा कि आयोग ने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत अधिकारियों को सुझाव देने के बजाय बाध्यकारी आदेश देकर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया है। अदालत ने कहा कि आयोग केवल राज्य सरकार को सलाह दे सकता है। पीठ ने राज्य, आयोग, जालंधर पुलिस आयुक्त और गुप्ता बंधुओं को नोटिस जारी किए। अदालत ने अधिकारियों के खिलाफ आयोग के आदेशों पर 13 जनवरी, 2026 को अगली सुनवाई तक रोक लगा दी।

2023 में दुकान के बाहर हुआ विवाद

यह विवाद 3 जुलाई, 2023 को जालंधर के फगवाड़ा गेट स्थित एक इलैक्ट्रिकल सामान की दुकान के बाहर शुरू हुआ, जिसके मालिक कांस्टेबल हरसिमरनजीत सिंह के पिता हैं। अधिकारियों ने बताया कि अंकुश गुप्ता और राहुल गुप्ता नामक दो भाई अपने पिता राज कुमार गुप्ता के साथ उस समय नाराज हो गए जब एक ग्राहक ने दुकान के प्रवेश द्वार पर गाड़ी खड़ी कर दी। उन्होंने बताया कि गुप्ता परिवार के बीच बहस हुई, उन्होंने हरसिमरनजीत और उनके पिता के साथ मारपीट की और उनकी पगडियां खींच लीं। सी.सी.टी.वी. कैमरे में यह झड़प कैद हो गई। इसके बाद पुलिस ने दोनों भाइयों के खिलाफ छीना-झपटी, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, जानबूझकर चोट पहुंचाने और आपराधिक षड्यंत्र रचने जैसी धाराओं के तहत एफ.आई.आर. दर्ज की। गुप्ता भाइयों को उसी शाम जालंधर सिविल अस्पताल के बाहर से गिरफ्तार कर लिया गया।

विशेष पुलिस महानिदेशक ने की थी जांच

4 जुलाई से अस्पताल में कई मैडीकल जांचे हुई, जिनमें चोट नहीं पाई गई और 6 और 7 जुलाई को कपूरथला सिविल अस्पताल और जेल में भी जांच की, 4 जुलाई से अस्पताल में कई मैडीकल जांचें हुईं, जिनमें चोट नहीं पाई गई जहां कोई घाव नहीं मिला। 25 जुलाई को जमानत पर रिहा हुए अंकुश गुप्ता ने 11 जुलाई से पैर में दर्द की शिकायत की, जिसके लिए उन्होंने पुलिस कार्रवाई को जिम्मेदार ठहराया और 5 अगस्त को छुट्टी मिलने तक लुधियाना के डी.एम.सी.. पुलिस पर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई और कार्रवाई की मांग की। अस्पताल में रहे। गुप्ता बंधुओं ने 5 अप्रैल, 2024 को मानवाधिकार आयोग में पुलिस पर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई और कार्रवाई की मांग की।  

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!