Edited By Subhash Kapoor,Updated: 01 Dec, 2025 09:23 PM

भारत में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने सभी स्मार्टफोन कंपनियों को आदेश दिया है कि देश में बिकने वाले हर नए स्मार्टफोन में अब ‘संचार साथी साइबर सेफ्टी ऐप’ पहले से इंस्टॉल होना अनिवार्य होगा।
नई दिल्ली | भारत में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने सभी स्मार्टफोन कंपनियों को आदेश दिया है कि देश में बिकने वाले हर नए स्मार्टफोन में अब ‘संचार साथी साइबर सेफ्टी ऐप’ पहले से इंस्टॉल होना अनिवार्य होगा। खास बात यह है कि इस App को फोन से हटाया (अनइंस्टॉल) नहीं जा सकेगा।
--- क्या है सरकार का नया नियम?
- हर नई डिवाइस में यह ऐप पहले से मौजूद होना चाहिए
- यह किसी भी यूज़र द्वारा डिलीट नहीं किया जा सकेगा
- कंपनियों को इसे लागू करने के लिए 90 दिन दिए गए हैं
- जो स्मार्टफोन पहले से सप्लाई चेन में हैं, उन्हें सॉफ़्टवेयर अपडेट के माध्यम से यह ऐप भेजा जाएगा
- इसका मतलब यह है कि चाहे फोन Apple का हो, Samsung, Xiaomi, Oppo या Vivo—हर मॉडल अब इसी नियम के दायरे में आएगा।
---क्यों जरूरी माना जा रहा है यह ऐप?
सरकार का मानना है कि साइबर धोखाधड़ी, फोन चोरी, सिम कार्ड के दुरुपयोग, और साइबर क्राइम जैसी घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। ‘संचार साथी’ ऐप इन मामलों में यूज़र्स की सुरक्षा बढ़ाने और जोखिम कम करने के लिए पहले से ही एक उपयोगी टूल माना जाता रहा है। अब इसे अनिवार्य बनाकर सरकार चाहती है कि हर स्मार्टफोन यूज़र इसके सुरक्षा फीचर्स से लाभ उठा सके।
विशेषज्ञों के अनुसार यह फैसला फोन निर्माता कंपनियों की प्रीलोडेड ऐप पॉलिसी सॉफ्टवेयर कस्टमाइजेशन और डेटा सुरक्षा अनुपालन पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है। कई टेक कंपनियों को अब अपने सिस्टम अपडेट और सॉफ्टवेयर फ्रेमवर्क में बदलाव करना होगा।
यूज़र पर कितना असर पड़ेगा?
चूंकि ऐप को हटाया नहीं जा सकेगा, कई यूज़र्स इसे ‘बाध्यकारी ऐप’ के तौर पर देख सकते हैं। हालांकि सरकार का दावा है कि यह कदम नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है।