कोचिंग कल्चर पर लगेगी लगाम, बड़ी कार्रवाई की तैयारी

Edited By Kalash,Updated: 03 Dec, 2025 12:03 PM

action against coaching culture

केंद्र सरकार स्कूलों में सेंटर फॉर एडवांस स्ट्डीज खोलने की तैयारी कर रही है वहीं डमी स्कूलों' और कोचिंग संस्थानों पर छात्रों की बढ़ती निर्भरता को खत्म करने के लिए बड़े बदलावों की योजना बना रही है।

लुधियाना (विक्की): जेईई, नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए देश में बढ़ते प्राइवेट कोचिंग कल्चर पर नकेल कसने के लिए जहां केंद्र सरकार स्कूलों में सेंटर फॉर एडवांस स्ट्डीज खोलने की तैयारी कर रही है वहीं डमी स्कूलों' और कोचिंग संस्थानों पर छात्रों की बढ़ती निर्भरता को खत्म करने के लिए बड़े बदलावों की योजना बना रही है। कोचिंग संस्थानों पर स्टूडेंट्स की निर्भरता कम करने और डमी स्कूलों की समस्या से निजात दिलवाने के लिए सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जून में गठित 11 सदस्यीय समिति ने कई अहम सुझावों पर विचार किया है। बीते दिनों हुई समिति की बैठक में जिन प्रस्तावों पर चर्चा की गई, वे आगामी वर्षों में प्रवेश परीक्षाओं की तस्वीर बदल सकते हैं।

यह भी पता चला है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने आने वाले वर्ष में जहां एक तरफ नीट, जेईई और सीयूईटी जैसी प्रमुख परीक्षाओं का संभावित शेड्यूल तैयार कर शिक्षा मंत्रालय को भेज दिया है वहीं कोचिंग संस्थानों और डमी स्कूलों पर भी शिकंजा कसने का ड्राफ्ट पर समिति ने सरकार को सौंपा है।

जानकारी के मुताबिक सबसे बड़ा प्रस्ताव इंजीनियरिंग (जेईई मेन), मेडिकल (नीट) और यूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) को 12वीं के बजाय कक्षा 11वीं में ही आयोजित कराने का है। तर्क है कि इससे 12वीं कक्षा में छात्रों पर तनाव और अकादमिक दबाव कम होगा। वहीं प्रतियोगी परीक्षाओं के रिजल्ट में बोर्ड परीक्षाओं के अंक भी जोड़े जाने पर विचार किया जा रहा है ताकि स्टूडेंट्स स्कूल समय में कोचिंग सेंटर्स पर जाने की बजाय स्कूल के ही क्लास रूम में पढ़ने को तरजीह दें।

हाइब्रिड असेसमेंट मॉडल' पर विचार

डमी स्कूलों के चलन को रोकने के लिए एक 'हाइब्रिड असेसमेंट मॉडल' पर विचार किया जा रहा है। इसमें प्रवेश परीक्षाओं में बोर्ड परीक्षा के अंकों को भी जोड़ा जा सकता है, ताकि छात्र स्कूल की पढ़ाई और क्लासरूम लर्निंग को गंभीरता से लें। एक्सपर्ट का मानना है कि अगर यह योजना लागू हो जाती है तो निश्चित ही डमी स्कूलों पर लगाम लगने के साथ कोचिंग सेंटर्स पर भी शिकंजा कसा जा सकता है। क्योंकि ऐसा होने से स्टूडेंट्स प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ साथ बोर्ड एग्जाम की तैयारी पर भी ध्यान देंगे। जानकारी के अनुसार, पैनल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के तहत साल में दो बार (अप्रैल और नवंबर) एंट्रेंस एग्जाम कराने पर भी विचार कर रहा है। कमेटी अंतिम निर्णय लेने से पहले देश के सभी शिक्षा बोर्डों के सिलेबस में एकरूपता पर अध्ययन करेगी।

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