Edited By Vatika,Updated: 06 Jun, 2022 03:13 PM
साल 2019 में जब सिद्धू मूसे वाला का गीत ‘लेजेंड’ आया था तो उसने कभी सोचा नहीं
मानसा: साल 2019 में जब सिद्धू मूसे वाला का गीत ‘लेजेंड’ आया था तो उसने कभी सोचा नहीं था कि वह असली ज़िंदगी में लेजेंड बन जाएगा। जिस जगह पर सिद्धू मूसेवाला का अंतिम संस्कार किया गया, वह अब तीर्थ यात्रा वाली जगह बन गई है, जहां दूर -दूर से लोग पहुंच कर उस प्रतिमा पर अपना प्यार ज़ाहिर कर रहे हैं।
लोग सिद्धू के खेतों में बनी उसकी समाधि के सामने पड़ी तस्वीर को माथा टेक रहे हैं। सिर्फ़ नौजवान ही नहीं, बल्कि विवाहिता जोड़े और बुज़ुर्ग भी यहां पहुंच कर माथा टेक रहे हैं और श्रद्धा के फूल भेंट कर रहे हैं। यह लोगों का सिद्धू मूसे वाला के प्रति प्यार ही है, जो उसने अपने काम के साथ हासिल किया है।
सिद्धू जितना मशहूर मौत से पहले था, उससे कहीं अधिक मशहूर मौत के बाद हो गया है। यह बात हम नहीं, उसके चाहने वाले कहते हैं। बता दें कि सिद्धू मूसे वाला का 8 जून को भोग और अंतिम अरदास है। शनिवार को सिद्धू मूसे वाला के इंस्टाग्राम पेज से सिद्धू के पिता बलकौर सिंह की वीडियो अपलोड की गई थी, जिसमें वह लोगों को सिद्धू के भोग में पहुंचने की विनती कर रहे थे।