Edited By Suraj Thakur,Updated: 11 Aug, 2019 10:28 AM
बर्खास्त किए गए पंजाब पुलिस कर्मियों में एएसआइ जोगिंदर सिंह, एएसआइ राजप्रीत सिंह, एएसआई दिलबाग शामिल।
जालंधर। फादर एंथनी कैश लूट कांड में पंजाब पुलिस प्रशासन बड़ी कार्रवाई करते हुए ने चार पुलिस कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। पटियाला के एसएसपी अमनदीप सिंह सिद्धू ने पुलिस कर्मियों को बर्खास्त करने की पुष्टि की है। बर्खास्त किए गए पुलिस कर्मियों में एएसआइ जोगिंदर सिंह, एएसआइ राजप्रीत सिंह, एएसआई दिलबाग सिंह और हैडकांस्टेबल अमरीक शामिल हैं। ये सभी आरोपी जेल में बंद हैं। गौरतलब है कि फादर एंथनी कैश लूट कांड में पकड़े गए एएसआइ जोगिंदर सिंह, एएसआइ राजप्रीत सिंह व उनके साथियों पर 26 अगस्त को आरोप तय हाने हैं । इसके बाद कोर्ट ने पुलिस द्वारा लगाई धाराओं पर बहस के लिए आगामी 26 अगस्त तय कर दी गई है। इसी दिन बहस होने के बाद अदालत की तरफ से आरोपितों पर चार्ज फ्रेम किए जाएंगे। इसके बाद पुलिस की तरफ से आरोपितों पर लगाई धाराओं के तहत सबूत पेश करने होंगे और मामले का ट्रायल शुरू हो जाएगा।
फोटो: एएसआइ जोगिंदर सिंह व एएसआइ राजप्रीत सिंह
क्या है मामला
इसी साल 29 मार्च को जालंधर के प्रतापपुरा में प्रतापपुरा में फादर एंथनी के घर में रेड की गई थी। 30 मार्च को खन्ना एसएसपी ध्रुव दहिया ने नाके से 9.66 करोड़ बरामदगी का दावा किया था। 31 मार्च को फादर एंथनी ने प्रेस कांफ्रेंस कर 6.65 करोड़ गायब होने की बात कही। 01 अप्रैल को डीजीपी दिनकर गुप्ता ने आइजी क्राइम पीके सिन्हा को जांच सौंपी थी। 12 अप्रैल को आइजी क्राइम की जांच के बाद एएसआइ जोगिंदर, राजप्रीत व मुखबिर सुरिंदर पर मोहाली में धोखाधड़ी, क्रप्शन का केस दर्ज, इसी दिन डीजीपी ने पांच मेंबरी एसआइटी बनाई थी। 17 अप्रैल मुखबिर सुरिंदर सिंह समराला से गिरफ्तार किया गया था। 20 अप्रैल को एएसआइ जोगिंदर सिंह व एएसआइ राजप्रीत सिंह पुलिस से सस्पेंड कर दिया गया था। 24 अप्रैल को कैश ले जाने के लिए स्विफ्ट कार देने वाला एएसआइ दिलबाग सिंह गिरफ्तार कर लिया गया था। 30 अप्रैल एएसआइ राजप्रीत व जोगिंदर सिंह कोच्चि के होटल कासा सिंलडा से गिरफ्तार किया था। 01 मई एसएसपी खन्ना ध्रुव दहिया का ट्रांसफर कर दिया गया। 02 मई को लूटा कैश ठिकाने लगाने में मदद करने वाले छह लोग गिरफ्तार किया गया। 13 मई को एएसआइ राजप्रीत व जोगिंदर को जेल भेजा गया। अब यह मामला अदालत में विचारा धीन है।