बंदी सिंहों रिहाई मामलाः SGPC ने बुलाया पंथक इकट्ठ, सुखबीर बादल ने कही यह बात

Edited By Urmila,Updated: 11 May, 2022 05:16 PM

bandi singho release case sgpc called panthak together

शिरोमणि अकाली दल की तरफ से और एस.जी.पी.सी. की तरफ से आज तेजा सिंह समुद्री हाल में एक पंथक इकट्ठ बुलाया गया था जिसको लेकर आज शिरोमणि अकाली दल के प्रधान और शिरोमणि कमेटी के प्रधान इस...

अमृतसर (गुरिन्दर सागर): शिरोमणि अकाली दल की तरफ से और एस.जी.पी.सी. की तरफ से आज तेजा सिंह समुद्री हाल में एक पंथक इकट्ठ बुलाया गया था जिसको लेकर आज शिरोमणि अकाली दल के प्रधान और शिरोमणि कमेटी के प्रधान इस मीटिंग में मौजूद रहे। इस मीटिंग के में सुखबीर सिंह बादल और अन्य सिख जत्थेबंदियों के नुमाइंदे भी मौजूद रहे। वहीं पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए सुखबीर सिंह बादल का कहना है कि हमेशा ही सिख जत्थेबंदियों के लिए शिरोमणि अकाली दल की तरफ से ही आवाज उठाई जाती रही है। साथ ही यह कहा कि जब राजोआना साहब की फांसी की बात हुई थी उस समय पर भी शिरोमणि अकाली दल की तरफ से फांसी को रद्द करवाने के लिए हर एक वर्ग को मिला गया था। तब उनका कहना है कि 27-27 वर्ष हो चुके हैं बंदी सिंहों को जेलों में बंद है लेकिन अभी तक उनको रिहा नहीं किया जा रहा जोकि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। उधर शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की तरफ से यह भी बात साफ की गई जितनी देर तक बंदी सिंहों को रिहा नहीं करवा दिया जाता उतनी देर तक वह टिक कर नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि आज जो मीटिंग एक झंडे नीचे हुई है उस तरह का माहौल उन्होंने आज तक कभी नहीं देखा। वह सभी सिख जत्थेबंदियों का धन्यवाद भी करते हैं। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि उनको आज इस तरह लग रहा था कि जैसे सभी सिख जत्थेबंदियां और शिरोमणि अकाली दल एक ही हों।

इस मीटिंग के में पहुंचे शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के सिमरनजीत सिंह मान की तरफ से संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावालों की तस्वीर सिख तेजा सिंह समुद्री हाल एस.जी.पी.सी. दफ्तर में लगाने की दोबारा मांग की गई। उनका कहना है कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का 5 वर्ष बाद इलैक्शन होना चाहिए क्योंकि इलैक्शन उनके शरीर की खुराक है। मान ने आगे बोलते हुए कहा कि यदि हिंदू हमें अपना एक अंग नहीं समझते तो उन्हें अलग हो जाना चाहिए। दूसरी तरफ उन्होंने तीखेपन भरे अंदाज में बोलते हुए कहा कि यदि हिन्दोस्तान की बात की जाए तो वहां सिख गुलाम हैं और यदि किसी भी देश की बात की जाए वहां सिख गुलाम नजर आ रहा है जोकि उनकी सबसे बड़ी मुश्किल है और उन्हें ये जंजीरे जल्द से जल्द तोड़नी पड़ेंगी नहीं तो वे भविष्य में भी गुलाम ही रहेंगे। 

यहां जिक्रयोग्य है कि लंबे समय से जेलों में बंद बंदी सिंहों को छुड़वाने के लिए अब शिरोमणि अकाली दल की तरफ से भी लगातार ही मीटिंगें की जा रही हैं और इस मीटिंगों का सारा जायजा खुद सुखबीर सिंह बादल ले रहे हैं और दूसरी तरफ सिख जत्थेबंदियों के कुछ नुमाइंदों की तरफ से सुखबीर सिंह बादल को बताया जा रहा है वहीं कई सिख जत्थेबंदियों की तरफ से इस मीटिंग में शिरकत की गई और कई सिख जत्थेबंदियां आज भी मीटिंगों में से गैर मौजूद रहीं। अब यह देखना होगा कि जो आवाज बंदी सिंहों को छुड़वाने के लिए सिख जत्थेबंदियों की तरफ से और अकाली दल की तरफ से उठाई जा रही है। यह आवाज कहां तक कामयाब होती है क्योंकि कांग्रेस के नेता रवनीत सिंह बिट्टू की तरफ से भी लगातार ही बंदी सिंहों को लेकर शब्दिक हमले भी किए जा रहे हैं।

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