Edited By Sunita sarangal,Updated: 19 Dec, 2020 09:57 AM
अप्रैल 2017 से अब तक हुई 49512 लोगों की गिरफ्तारी
चंडीगढ़(रमनजीत सिंह): नशे के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने का चुनावी वायदा कर सत्ता में आई कैप्टन अमरेंद्र सरकार के अब तक के कार्यकाल दौरान लगभग 35 नशा तस्करों की रोजाना गिरफ्तारी का औसत बन चुका है। जिला पुलिस और फिर नशे के खिलाफ बनाई गई एस.टी.एफ. के बीच बनी अघोषित प्रतिस्पर्धा ही है, जिस कारण नशीले पदार्थों की बरामदगी का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है और कई अप्रत्याशित बरामदगियां हो चुकी हैं।
अभियान में कोरोना वायरस भी नहीं बना बाधा
भले ही वर्ष 2020 को लोग ‘स्लो ईयर’ कह रहे हों या वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के चलते कामकाज प्रभावित करने की बात कही जा रही है, लेकिन पंजाब पुलिस द्वारा इस वर्ष नशा तस्करी के मामलों में गिरफ्तार लोगों का आंकड़ा 9 हजार को छूने वाला है। हालांकि मार्च में लागू कर्फ्यू दौरान लोगों की मूवमैंट बंद रही और एस.टी.एफ. व पुलिस द्वारा नशा तस्करी से संबंधित बदनाम लोगों पर छापामारी की जाती रही। इस वजह से नशा सप्लाई की चेन बुरी तरह से प्रभावित हुई। इसका असर था कि नशा छुड़ाओ केंद्रों के मरीजों में बढ़ौतरी हुई।
बरामद नशीले पदार्थों में 6442 किलो गांजा, 845 किलो भांग, 880 (ग्राम) कोकीन व मैडीकल नशे में 403 किलो पाऊडर, 35,831 शीशियां सिरप, 1,96,385 नशीले इंजैक्शन व 30 लाख से अधिक गोलियां-कैप्सूल शामिल हैं। इसके अलावा वर्ष 2020 के दौरान एस.टी.एफ. द्वारा ड्रग मनी के तौर पर 1.10 करोड़ रुपए जबकि जिलों की पुलिस द्वारा 2.10 करोड़ रुपए की बरामदगी की गई है।
सप्लाई चेन टूटने से बढ़े ओट (ओ.ओ.ए.टी.) क्लीनिकों में पेशैंट
पंजाब पुलिस द्वारा नशे का धंधा करने वालों के खिलाफ कर्फ्यू व लॉकडाउन के दौरान भी जारी रखी गई सख्ती व बाहर से होने वाले नशे की सप्लाई लाइन को बुरी तरह से ध्वस्त करने में मिली सफलता के कारण राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्ति केंद्रों पर नशा छोड़ने के लिए इलाज करवाने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हुई। मरीजों की बढ़ी संख्या को देखते हुए ही सरकार द्वारा कर्फ्यू लगने के चंद दिनों के भीतर ही फैसला लेते हुए मरीजों को घर ले जाने के लिए दी जाने वाली दवा की मात्रा को बढ़ा दिया गया। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को फायदा दिया जा सके और कोरोना वायरस के रिस्क बिना नए मरीजों को भी पूरा समय दिया जा सके। राज्य में मौजूद 190 ओट क्लीनिकों (आउटपेशेंट ओपिओइड असिस्टेड ट्रीटमेंट) व 119 निजी नशा मुक्ति केंद्रों पर पुराने मरीजों के साथ-साथ नए मरीजों की रजिस्ट्रेशन में औसतन 1500 मरीजों की हर जिले में बढ़ौतरी हुई। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा अप्रैल माह में मोबाइल ओट क्लीनिक की भी शुरूआत की गई ताकि मरीजों का ट्रीटमैंट बाधित न हो।
2019 में भी हुई थी बड़ी बरामदगी
वर्ष 2019 में भी नशे की बरामदगी के मामले में पंजाब पुलिस को रिकॉर्ड सफलता मिली थी। 464 किलो हैरोइन की बरामदगी दर्ज की गई थी, जो पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड में एक वर्ष में सबसे अधिक बरामदगी थी। इस बार हैरोइन बरामदगी का आंकड़ा इसे भी पार कर गया है। इस बार 665.497 किलो हैरोइन बरामद की गई है। हैरोइन बरामदगी का आंकड़ा 2016 के मुकाबले चार गुणा तक बढ़ा है।
साल की शुरूआत में ही हुई बड़ी रिकवरी
एस.टी.एफ. ने वर्ष 2020 के शुरूआती माह में ही बड़ा ऑप्रेशन किया और अमृतसर के एक घर से 194 किलो हैरोइन की बड़ी खेप पकड़ी। माह के आखिरी हफ्ते में पकड़ी गई ड्रग की बड़ी खेप और मार्च में कर्फ्यू की वजह से राज्य में नशे की सप्लाई चेन तोड़ने में काफी मदद हासिल हुई। इसी प्रकार एस.टी.एफ. द्वारा लुधियाना में गुरदीप सिंह राणो पूर्व सरपंच को भी करीब साढ़े पांच किलो हैरोइन समेत गिरफ्तार किया गया और बड़े ड्रग नैटवर्क से पर्दा उठाया गया। हालांकि इस मामले में कई राजनेताओं के भी नाम उछले। एस.टी.एफ. को इस मामले की जांच में पता चला कि आरोपी राणो द्वारा बड़े स्तर पर ड्रग सप्लाई का नैटवर्क चलाया जा रहा था, जिसका संबंध ऑस्ट्रेलिया से भी था।
पंजाब पुलिस के डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने बताया कि पंजाब पुलिस लगातार नशे के खिलाफ काम कर रही है और इसी का प्रमाण है कि नशीले पदार्थों की बरामदगी में लगातार बढ़ौतरी हो रही है और नशा बेचने वालों को ढूंढ-ढूंढ कर गिरफ्तार किया जा रहा है। पंजाब पुलिस ने विदेशों से संचालित होने वाले नशा तस्करी के नैटवर्क भी पकड़े हैं, जिसकी वजह से राज्य में नशा सप्लाई की चेन तोड़ने में काफी हद तक सफलता मिली है। एस.टी.एफ. व जिलों की पुलिस समन्वय के साथ काम कर रहे हैं जिसके अच्छे नतीजे हासिल हो रहे हैं।