Edited By Vatika,Updated: 27 Jul, 2024 01:32 PM

एक बच्ची की हालत खराब हो गई जिसे सिविल हस्पताल में दाखिल करवाया है जबकि अन्य बच्चे स्कूल
फिल्लौ (भाखड़ी): सरकारी स्कूल की अध्यापिकाएं थानेदार बन गईं व होमवर्क न पूरा करने पर 8 और 10 साल के बच्चों को न केवल थप्पड़ मारे गए बल्कि डंडों से भी पीटा। एक बच्ची की हालत खराब हो गई जिसे सिविल हस्पताल में दाखिल करवाया है जबकि अन्य बच्चे स्कूल जाने से भी कतरा रहे हैं।
प्राप्त सूचना के अनुसार शहर के नजदीकी गांव लसाड़ा के सरकारी प्राइमरी स्कूल के बच्चे रोजाना रोते हुए स्कूल जाते थे। असल बात का पता माता-पिता को पिछले एक सप्ताह से तब चला जैसे ही वे बच्चों को हंसते हुए स्कूल छोड़ने जाते थे तो स्कूल से छुट्टी होने के बाद घर आते हुए बच्चे पूरी तरह से मायूस होते थे। स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले 10 साल के बच्चे ने बताया कि सलाड़ा प्राइमरी स्कूल में ना केवल बच्चों को मैडमें गुस्सा होने पर थप्पड़ मारती हैं बल्कि अक्सर ही उन्हें सजा के तौर पर डंडे भी मारे जाते हैं। बच्चे के पिता रोहित कुमार और माता रीटा ने बताया कि उनके घर 3 लड़कियां हैं। बड़ी लड़की जो तीसरी कक्षा में पढ़ती है, उससे छोटी पहली में है व तीसरी लड़की को वह मजदूरी करते वक्त अपनी गोद में साथ लेकर चली जाती है।
आज जैसे ही वह रात्रि को मेहनत मजदूरी कर अपने घर पर लौटी तो उनकी बड़ी बेटी बेसुध पड़ी थी। उसने उसे उठाया तो देखा कि उसकी आंख और गाल पर डंडों के मारने के निशान थे। उनकी बेटी ने बताया कि स्कूल की मैडम ने उसे होमवर्क न करने पर बुरी तरह से पीटा। उन्होंने देर रात्रि साढ़े 9 बजे उन्होंने अपनी बेटी को इलाज के लिए सिविल हस्पताल में दाखिल करवाया। जहां डाक्टरों के मुताबिक बच्चे के गाल पर जहां उंगलियों के निशान हैं, वहीं उसके आंख के ऊपर डंडे से भी मारने के निशान हैं। पीड़ित बच्चों के माता-पिता ने सरकार से फरियाद की कि ऐसे एक तरफ तो सरकार दिल्ली जैसा मॉडल बनाने की पंजाब के स्कूलों की बातें कर रही है लेकिन दूसरी तरफ पंजाब के स्कूलों में बच्चों को अध्यापिकाएं समझाने के नाम पर पंजाब पुलिस की थर्ड डिग्री का इस्तेमाल कर रही हैं।
हैरानी तो तब हुई जब उसी अस्पताल में मौजूद अजय वासी लसाड़ा ने बताया कि उसकी बेटी भी दूसरी कक्षा में वहां पढ़ती है जिसे मैडम पूजा ने इतनी बुरी तरह पीटा कि डर के मारे अब वह स्कूल जाने की जगह 2 दिन से उनके साथ वहीं बैठी पढ़ती रहती है जहां वह दिहाड़ी करते हैं। इस संबंध में जब स्कूल प्रिंसीपल से बात करनी चाही तो देर रात मैडम रजिंदर कौर जो अपरा प्राइमरी स्कुल में पिछले 14 वर्षाें से एजुकेशन प्रोवाइडर के पद पर तैनात है। उन्होंने बताया कि स्कूल के प्रिंसीपल उनके अलावा गुरप्रीत सर हैं। देहात में रहने वाले बच्चे अक्सर घर से स्कूल में मिलने वाला होमवर्क करके नहीं आते। कभी-कभार ऐसा हो जाता है कि उन्हें पढ़ाने वाली मैडम एक-दो चांटे जड़ दे। अगर किसी मैडम ने थप्पड़ की जगह डंडे का इस्तेमाल किया है तो उनके ध्यान में नहीं है। इसके संबंध में तो प्रिंसीपल गुरप्रीत सिंह ही बता सकते है। उन्होंने यह भी कबूल किया कि देहात का स्कूल है जहां बच्चे एक दो थप्पड़ खाए बिना न तो, उनकी न ही माता-पिता की बात समझते हैं।