Edited By Tania pathak,Updated: 01 Nov, 2020 08:48 AM
पावरकॉम की अपनी सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक 30 अक्तूबर को पंजाब में बिजली की मांग 1173 लाख यूनिट थी, जबकि पावरकॉम के पास उपलब्ध बिजली 1158 लाख यूनिट थी...
चंडीगढ़/पटियाला (परमीत): पंजाब में प्राइवेट थर्मल प्लांटों के लिए कोयले की सप्लाई का संकट हल न होने के बाद वित्तीय संकट में फंसे पंजाब बिजली निगम लिमिटेड (पावरकॉम) ने बिजली कट लगाने शुरू कर दिए हैं। पावरकॉम की अपनी सरकारी रिपोर्ट में कट लगाने की बात मानी गई है जबकि सी.एम.डी. ए. वेणू प्रसाद ने भी मीडिया से बातचीत में बिजली कट लगाने की बात मानी है।
पावरकॉम की अपनी सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक 30 अक्तूबर को पंजाब में बिजली की मांग 1173 लाख यूनिट थी, जबकि पावरकॉम के पास उपलब्ध बिजली 1158 लाख यूनिट थी, जिस कारण 15 लाख यूनिट की कमी पूरी करने के लिए बिजली कट लगाए गए। रिपोर्ट के मुताबिक पावरकॉम को 30 अक्तूबर को पन-बिजली प्रोजैक्टों से 92 लाख यूनिट और बी.बी.एम.बी. से 75 लाख यूनिट बिजली प्राप्त हुई। पावरकॉम ने अपनी बिजली खरीद में भी कटौती करनी शुरू कर दी है।
इतना ही नहीं बल्कि पावरकॉम ने कृषि क्षेत्र के लिए, कंडी इलाके के लिए और सब्जियां आदि के काश्तकारों के लिए भी बिजली सप्लाई में कटौती करनी शुरू कर दी है। इन सभी वर्गों के लिए 2 से 3 घंटे बिजली सप्लाई घटाई गई है।
प्रदेश के 5 थर्मलों में से इस समय सिर्फ अकेला गोइंदवाल साहिब थर्मल प्लांट चल रहा है, उसका भी एकमात्र यूनिट आधी क्षमता पर चल रहा है। चाहे राजपुरा और तलवंडी साबो थर्मल प्लांटों के पास कोयला खत्म हो गया है परन्तु सरकारी क्षेत्र के रोपड़ और लहरा मोहब्बत प्लांटों के पास क्रमवार सवा 6 दिन और साढ़े 4 दिन का कोयला पड़ा है जो पावरकॉम ने एमरजैंसी हालातों के लिए बचाकर रखा हुआ है।