Edited By Sunita sarangal,Updated: 12 Feb, 2020 03:00 PM
आज के समय में जहां रसायनों और कीटनाशकों को इस्तेमाल किए बिना फसलें उगाने के बारे में सोचना भी नामुमकिन है, वहीं बरनाला में कई गांवों के किसान मिलकर जैविक खेती का रास्ता अपना रहे हैं।
बरनाला(पुनीत मान): आज के समय में जहां रसायनों और कीटनाशकों को इस्तेमाल किए बिना फसलें उगाने के बारे में सोचना भी नामुमकिन है, वहीं बरनाला में कई गांवों के किसान मिलकर जैविक खेती का रास्ता अपना रहे हैं।
किसानों द्वारा कीटनाशकों और रसायनों के बिना कुदरती खाद्दों की सहायता से कई तरह के फल और सब्जियां उगाईं जा रही हैं। इन फल और सब्जियों को हर रविवार बरनाला शहर में लगने वाली दुकान पर लाकर बेचते हैं। किसानों द्वारा बनाई गई दुकान पर सब्जियों के इलावा दालें, तेल और अन्य वस्तुएं भी बेची जा रही हैं। किसानों के अनुसार उनके इस काम को शहरवासियों द्वारा भी खूब स्वीकृति मिल रही है।
पत्रकार से बातचीत करते हुए किसानों ने बताया कि उनका कुदरती खेती करने का मकसद मनुष्यों को कीटनाशकों से होने वाली जानलेवा बीमारियों से बचाना है। साथ ही रसायनों और कीटनाशकों के प्रयोग से कुदरत में घुल रहे जहर को रोकना भी है, इससे खेती को फायदा होगा।
दूसरी ओर किसानों द्वारा किए जा रहे इस काम की बहुत-से लोगों द्वारा बड़े स्तर पर प्रशंसा की जा रही है। किसानों ने अन्य गांवों के किसानों से अपील की कि वह भी उनकी तरह आर्गेनिक खेती से जुड़ें। आर्गेनिक खेती करने से हम और हमारी आने वाली पीढ़ी तंदरुस्त होगी।