Edited By Kalash,Updated: 27 Oct, 2025 10:04 AM

शहर में शनिवार और रविवार छठ पूजा की तैयारियां जोरों पर रहीं।
जालंधर (खुराना): शहर में शनिवार और रविवार छठ पूजा की तैयारियां जोरों पर रहीं। नहर किनारे और घाटों पर श्रद्धालु भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी कर रहे हैं, परंतु इन घाटों की हालत देखकर लोगों में नाराजगी साफ झलक रही है। भले ही कुछ स्थानों पर सफाई अभियान चलाया गया हो, लेकिन पूरे इलाके में और नहर के आसपास गंदगी का आलम ऐसा है कि महीनों लगाकर भी सफाई पूरी नहीं हो सकती।
मेयर वनीत धीर के निर्देश पर निगम के सैनिटेशन विभाग ने नहर किनारे और घाटों पर सफाई शुरू तो की, मगर सच्चाई यह है कि लंबे समय से यहाँ किसी ने ध्यान ही नहीं दिया था। जगह-जगह कूड़े के ढेर और जमा गंदगी ने श्रद्धालुओं की परेशानियाँ बढ़ा दी हैं। खासतौर पर जहाँ नहर की पुलियाँ हैं, वहाँ तो कूड़ा इस कदर जमा है कि पानी का बहाव तक रुक गया है।
लोगों का कहना है कि अगर निगम ने समय रहते नियमित सफाई की होती तो छठ जैसे पर्व के समय इतनी अव्यवस्था नहीं होती। अब जब त्यौहार दरवाजे पर है, निगम ने जल्दबाजी में सफाई शुरू की है और वह भी केवल कुछ चुनिंदा स्थानों पर। ऐसे में लोगों को पर्व मनाने में परेशानियां उठानी पड़ रही है।
मेयर को निभानी पड़ रही सैनिटेशन इंचार्ज की जिम्मेदारी
इन दिनों मेयर वनीत धीर शहर को साफ-सुथरा और सुंदर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। लेकिन विडंबना यह है कि उन्हें खुद सैनिटेशन इंचार्ज की भूमिका निभानी पड़ रही है। सफाई कर्मचारियों और अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण मेयर को खुद ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के रूट तय करने पड़ रहे हैं, सफाई की मॉनिटरिंग करनी पड़ रही है और यहाँ तक कि मौके पर जाकर निरीक्षण भी स्वयं करना पड़ रहा है। धीर के इन प्रयासों के बावजूद सवाल यह उठ रहा है कि निगम के अधिकारी आखिर कर क्या रहे हैं? जब शहर के मेयर को खुद सफाई व्यवस्था संभालनी पड़ रही है, तो फिर जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठने लाजमी हैं।
शहरवासियों का कहना है कि सफाई सिर्फ त्यौहारों पर नहीं, बल्कि पूरे साल नियमित रूप से होनी चाहिए। जब तक नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे, तब तक जालंधर को स्वच्छ और सुंदर शहर बनाना सिर्फ एक सपना ही रहेगा।
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