लुधियाना कत्लकांड: पोते को काटते हुए एक बार भी न कांपे आरोपी के हाथ, इस तरह मूर्ख बना हुआ फरार

Edited By Tania pathak,Updated: 25 Nov, 2020 03:48 PM

ludhiana katlakand even after cutting the grandson accused never trembled

अपने सारे परिवार की हत्या करने के बाद राजीव स्विफ्ट कार में बैठकर फरार हो गया...

लुधियाना (राज): हंबड़ा रोड के मयूर विहार में हुए हत्याकांड में 13 साल के संकेत ने वारदात के समय करीब 6.14 बजे अपने मामा गौरव को कॉल कर बताया था कि दादा और पापा, मम्मी को मार रहे हैं। इसके तुरंत बाद मामा गौरव और नाना अशोक हैबोवाल से मयूर विहार पहुंचे लेकिन कातिल उन्हें मूर्ख बना निकल गया। जैसे ही उन्होंने गेट खटखटाया अंदर से राजीव की आवाज आई कि कौन है? उन्होंने अपने बारे में बताया। इसके बाद राजीव ने रुकने के लिए कहा। फिर अंदर से गाड़ी स्टार्ट होने की आवाज आई और राजीव ने गेट खोला। इसके बाद वह गाड़ी में बैठकर बाहर आया और समधी व उसके बेटे (अशोक एवं गौरव) को अंदर बैठने की बात कहकर तेजी से गाड़ी भगाकर ले गया। जब अशोक गुलाटी और गौरव गुलाटी अंदर गए तो अंदर खून से सनी आशीष की लाश नजर आई। उन्होंने शोर मचाया तो पड़ोसी इकट्ठे हो गए। अंदर उनकी बेटी गरिमा व दोहते संकेत जबकि दूसरे कमरे में सुनीता की लाश पड़ी हुई थी। घटनाक्रम को देखा जाए तो 13 साल के संकेत ने पूरा हत्याकांड देखा होगा, इसलिए उसने अपने मामा को कॉल कर बताया था, मगर राजीव पर इस कदर हैवानियत सवार थी कि उसने उसे भी कुलहाड़ी से काट डाला।

अपने सारे परिवार की हत्या करने के बाद राजीव स्विफ्ट कार में बैठकर फरार हो गया। इलाके से मिली सी.सी.टी.वी. कैमरे की फुटेज से पता चला है कि कालोनी से बाहर निकलते समय उसकी कार मेन रोड पर एक्सीडैंट होते-होते से बची थी, क्योंकि उसकी रफ्तार बहुत तेज थी। इसके बाद डेढ़ किलोमीटर दूर गोल्फ लिंक के पास कार का एक टायर पंक्चर होकर फट गया जिसके बाद वह अनियंत्रित होकर पहले एक एक्टिवा से व फिर रोड के साइड में दीवार के साथ जा टकराई जिसके बाद कार को आग लग गई थी। वहीं प्रत्यक्षदर्शी लोगों का कहना है कि राजीव ने खुद कार को आग लगाई थी। कार को आग लगाने के बाद वह पैदल ही कनाल रोड़, जोकि साऊथ सिटी की तरफ जाती है, उस तरफ भाग निकला।

गले व गर्दन पर किए वार बने घातक
जब पुलिस घर के अंदर आई तो लॉबी और कमरे के बीचों-बीच आशीष की लाश पड़ी हुई थी। उसके गले पर तेजधार हथियार के निशान थे। इसके अलावा उसकी ठोडी पर भी वार किए गए थे गरिमा व संकेत के गले पर इतनी बुरी तरह से वार किए गए थे कि गरिमा के गले पर 5 इंच चौड़ा घाव हो गया था और उसकी गले की हड्डी तक टूटी हुई थी। दूसरे कमरे में फर्श पर सुनीता की लाश पड़ी हुई थी, उसके भी गर्दन पर वार किया गया था।

हत्या से पहले इत्मिनान से लिखा सुसाइड नोट
राजीव के घर पर पुलिस को डेढ़ पेज का सुसाइड नोट मिला है। उसमें राजीव ने लिखा है कि अशोक और उसका बेटा गौरव उससे पैसों की मांग कर रहे थे और बहू गरिमा के साथ मिलकर उसे धमका रहे थे कि उस पर घरेलू हिंसा का झूठा केस दायर कर जेल भिजवा देंगे, इसी डर से वह अपने परिवार की हत्या कर खुद आत्महत्या कर रहा है। उसने यह भी लिखा है कि पुलिस अशोक और गौरव पर ठोस कार्रवाई करें लेकिन पुलिस के गले यह बात नहीं उतर रही है कि सिर्फ पैसों की मांग और धमकी से डर कर राजीव ने इतना बड़ा कदम उठाया होगा। पता चला है कि सुसाइड नोट एक बड़े से पेज पर संभवत: वारदात से पहले लिखा गया था। अब सुसाइड नोट में जो लिखा है कि वह सही या है या हत्या कारण कुछ और है, यह तो आरोपी के पकड़े जाने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

आस-पड़ोस से दूरी रखता था राजीव का परिवार
पड़ोसी कुलविंद्र मान ने बताया कि बिल्डर राजीव का परिवार 12 साल पहले मयूर विहार में रहने के लिए आया था। घर में उसकी पत्नी, बेटा, बहू और पोता रहता था, मगर उनका परिवार शुरू से ही आस-पड़ोस के लोगों से दूरी बनाए रखता था। वे कालोनी में किसी को नहीं बुलाते थे तथा बाहर भी कम ही निकलते थे।

गरिमा के पिता व भाई को हिरासत में लेकर पुलिस कर रही पूछताछ
सुसाइड नोट में राजीव ने गरिमा के पिता अशोक और भाई गौरव को मामले का जिम्मेदार ठहराया है, इसलिए पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है मगर उनका कहना है कि उन्होंने राजीव से कोई पैसे नहीं लिए है और न ही किसी तरह से उसे धमकी दे रहे थे।

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