चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के फैसले को लेकर छिड़ा विवाद, वित्त मंत्री चीमा ने उठाए सवाल

Edited By Kalash,Updated: 28 Mar, 2022 06:29 PM

finance minister cheema on chandigarh controversy

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केंद्र सरकार तानाशाही रवैया अपना कर लगातार पंजाब विरोधी फैसले थोप रही है। अगर मोदी सरकार ने...

चंडीगढ़ः पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केंद्र सरकार तानाशाही रवैया अपना कर लगातार पंजाब विरोधी फैसले थोप रही है। अगर मोदी सरकार ने पंजाब के खिलाफ प्रतिशोध की भावना नहीं छोड़ी तो आम आदमी पार्टी (आप) और पंजाब सरकार सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष करेगी। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन, पंजाब यूनिवर्सिटी और भाखड़ा ब्यास कमेटी(बीबीएमबी) में पंजाब की सदस्यता खत्म करने के केंद्र सरकार के मंसूबों को पंजाब के लोग कभी कामयाब नहीं होने देंगे।

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हरपाल सिंह चीमा ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उनके साथ आप के प्रदेश महासचिव हरचंद सिंह बरसट भी मौजूद थे। हरपाल सिंह चीमा ने आरोप लगाया कि केंद्र में कांग्रेस और भाजपा के नेतृत्व वाली पारंपरिक सत्तारूढ़ पार्टियों ने पंजाब, पंजाबियों और पंजाबियत के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों ,बादलों और भाजपाइयों ने केंद्र सरकार के पंजाब विरोधी फैसलों के खिलाफ आवाज उठाने के बजाय हमेशा घुटने टेके हैं। 

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चीमा ने कहा कि जब से पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, तब से केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने पंजाब के हितों पर हमले तेज कर दिए हैं। मोदी सरकार लंबे समय से पंजाब यूनिवर्सिटी,बीबीएमबी और चंडीगढ़ प्रशासन में पंजाब की हिस्सेदारी को खत्म करने के फैसले लागू करती आ रही है। चीमा ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा चंडीगढ़ प्रशासन में पंजाब के सर्विस रूल्स हटा कर केंद्रीय सर्विस रूल्स लागू करने के फैसले को धक्केशाही और तानाशाही करार दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के फैसले  पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ एक बड़ी साजिश की तरफ इशारा करता है।

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चीमा ने कहा कि मोदी सरकार ने न तो पंजाब सरकार से चंडीगढ़ प्रशासन से पंजाब ​सर्विस रूल्स हटाने के बारे में बात की और न ही कर्मचारियों की ओर से ऐसी कोई मांग की गईं। लेकिन मोदी सरकार पंजाब में आप सरकार को अस्थिर करने की एक बड़ी साजिश के तहत पंजाब विरोधी फैसलों को लागू कर रही है, क्योंकि भाजपा को अब पंजाब के बाद गुजरात और अन्य राज्यों में 'आप' से खतरा नजर आ रहा है। मोदी सरकार एक साजिश के तहत पंजाब पुनर्गठन एक्ट 1966 के समझौते और फैसलों को खत्म कर रही है जो राज्य के अधिकारों और संघीय ढांचे के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आम आदमी पार्टी की कामयाबी से बौखला गई है। मोदी सरकार द्वारा दिल्ली में होने वाले नगर निगम चुनाव को आखिरी समय पर रद्द करने का फरमान जारी करना इसका ताजा उदाहरण है ।

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हरपाल सिंह चीमा ने यह भी आरोप लगाया कि पंजाब की पिछली कांग्रेस और अकाली-भाजपा सरकारों ने प्रदेश के हितों और हिस्सेदारी की रक्षा करने में हमेशा अनदेखी की है, क्योंकि कांग्रेस और अकाली-भाजपा सरकारों के दौरान जहां चंडीगढ़ प्रशासन में पंजाब के अधिकारी हटाए गए थे, वहीं बीबीएमबी जैसे संस्थान से पंजाब की हिस्सेदारी को कम किया गया। चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार प्रदेश के हितों की पैरवी करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी। चंडीगढ़ और बीबीएमबी में पंजाब की हिस्सेदारी कायम रखने के लिए कानूनी कमद उठाने के साथ साथ सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष करेगी।

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