Edited By Subhash Kapoor,Updated: 18 May, 2022 03:44 PM
आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा करप्शन के खिलाफ स्टैंड लेते हुए जहां रिश्वत मांगने या लेने वाले मुलाजिमों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
लुधियाना (हितेश) : आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा करप्शन के खिलाफ स्टैंड लेते हुए जहां रिश्वत मांगने या लेने वाले मुलाजिमों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। वहीं, पिछली सरकार के दौरान हुई धांधलियों को लेकर एक्शन लिया जा रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा लोकल बॉडीज विभाग अपने पास रखने के बावजूद इंप्रूवमैंट ट्रस्ट के घोटालों के लिए जिम्मेदार अफसरों को नजरअंदाज करने पर सवाल खड़े हो रहें हैं।
यहां बताना उचित होगा कि इंप्रूवमैंट ट्रस्ट में प्रापर्टी की बोली या प्लाटों की अलॉटमैंट में गड़बड़ी होने को लेकर शिकायतें काफी देर से सामने आ रही हैं। इसी तरह विकास कार्यों के टैंडर अलॉट करने के लिए नियमों का उल्लंघन करने व क्वालिटी कंट्रोल का पालन न होने की बात किसी से छिपी नहीं है। जिसकी आड़ में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, लेकिन कांग्रेस सरकार के दौरान इन सब मामलों को दबाकर रखा गया।
अब 'आप' की सरकार बनने के बाद जब पुराने केसों की जांच शुरू हुई है तो चेयरमेन ने ट्रस्ट भंग होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था और घोटालों को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाने वाले सेल ब्रांच या इंजीनियरिंग विंग के किसी अफसर की अब तक ट्रांसफर नहीं हुई है।
हालांकि चीफ विजीलैंस ऑफिसर द्वारा पिछले दिनों लगातार कई बार इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में दबिश देकर साइट विजिट करने के अलावा घोटालों से जुड़ा रिकार्ड कब्जे में ले लिया था। लेकिन काफी देर बाद तक भी सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस हालात के लिए लुधियाना व चंडीगढ में अब तक ज्यादातर पुराने अफसरों का कब्जा होने को वजह माना जा रहा है, जो इन घोटालों के सूत्रधार रहे हैं। इसके अलावा कांग्रेस के चहेते रहे कुछ अफसरों द्वारा आम आदमी पार्टी नेताओं का आर्शीवाद हासिल करने की कवायद को एक्शन में हो रही देरी का नतीजा बताया गया है।
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