Edited By Urmila,Updated: 03 Oct, 2023 12:46 PM

महात्मा गांधी ने शराब के सेवन का सदैव विरोध किया था, जिसके चलते गांधी जंयती पर देशभर में ड्राई-डे घोषित है।
जालंधर : महात्मा गांधी ने शराब के सेवन का सदैव विरोध किया था, जिसके चलते गांधी जंयती पर देशभर में ड्राई-डे घोषित है। नियमों के मुताबिक 2 अक्तूबर को ठेकों, होटलों, बीयर बार, विदेशी व देसी शराब की दुकानों, थोक डीलरों सहित सभी लाइसेंस प्राप्त स्थानों पर शराब बेचना प्रतिबंधित होता है। इस रोक के बावजूद महानगर जालंधर सहित आसपास के इलाकों में धड़ल्ले से शराब की बिक्री हुई जोकि एक्साइज विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान है?

दूसरे महत्वपूर्ण दिनों में होने वाले कई अन्य ड्राई-डे पर शाम 5 बजे के बाद ठेके खोल दिए जाते हैं परन्तु गांधी जी द्वारा शराब का विरोध जताने के कारण 2 अक्तूबर को दिन-रात के लिए ड्राई-डे रखा जाता है। गांधी जयंती पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए देशभर में ड्राई-डे होने के बावजूद महानगर जालंधर में खूब शराब की बिक्री हुई। शराब ठेकेदार एक्साइज विभाग को ठेंगा दिखाते हुए नजर आए।
154वीं जयंती पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को महानगर के विभिन्न इलाकों में श्रद्धांजलि दी गई। एक तरफ बापू के बताए हुए मार्ग पर चलने की बात को दोहराया जा रहा था, वहीं दूसरी तरफ नियमों का उल्लंघन करते हुए शराब की बिक्री की जा रही थी। राज्य में एक्साइज विभाग के कुल 3 जोन है जिनमें जालंधर जोन भी शामिल है। इसी क्रम में जी.एस.टी. भवन में एक्साइज का जोन ऑफिस है। इसी जोन ऑफिस में डिप्टी कमिश्नर (डी.सी.एक्साइज) का दफ्तर भी मौजूद है। जोन का मुख्य दफ्तर जालंधर में होने के चलते अधिकारियों की लंबी चौड़ी फौज है, लेकिन इसके बावजूद एक्साइज विभाग शराब की ब्रिकी नहीं रोक पाया।

स्थानीय एक्साइज अधिकारी 1 दिन के लिए भी शराबबंदी (ड्राई-डे) को लागू नहीं करवा पाए। शहर में जगह-जगह शराब की बिक्री होती देखी गई। शहर के रेलवे स्टेशन से लाडोवाली रोड पर स्थित शराब के ठेके पर शराब बिक रही थी। लाडोवाली रोड चौक में डी.सी. ऑफिस को जाती रोड पर नुक्कड़ वाले शराब के ठेके पर कई लोग खरीदारी करते हुए दिखाई दिए। इसी तरह से मिलाप रोड पर चौक में स्थित ठेके पर रात को भारी भीड़ नजर आई।
इसके अलावा कृष्णा नगर (बस्ती मिट्ठू), दमोरिया पुल से लम्मा पिंड को जाती रोड पर चिकन शॉप के नजदीक शराब के ठेके पर गुपचुप ढंग से बिक्री होती दिखाई दी। इसी तरह से स्टेशन के पास, बस अड्डे के नजदीक भी शराब मिलने में कोई दिक्कत पेश नहीं आई। वहीं, बताया जा रहा है कि विभाग द्वारा नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की गई है।
पाबंदी के चलते खरीदनी पड़ी ‘महंगी शराब’
2 अक्तूबर यानी गांधी जयंती को पक्के तौर पर ड्राई-डे घोषित किया हुआ है, जिसके चलते कई लोग एक दिन पहले ही शराब का इंतजाम कर लेते हैं, लेकिन जिन लोगों के पास शराब उपलब्ध नहीं होती उन्हें ठेकों से शराब लेनी पड़ती है। इसी बात का फायदा उठाकर ठेकों के कारिंदे महंगी शराब बेचते हैं। कई ठेकों पर तो बहसबाजी भी नजर आती है, लेकिन मनमर्जी ठेकों के कारिंदों की चलती है, अन्यथा वह शराब देने से मना कर देता है। देखने में आता है कि महंगी शराब पर प्रति बोतल 100 रुपए तक अधिक वसूल कर लिए जाते हैं। वहीं बियर 20-30 रुपए महंगी बिकती है।
विभाग सख्ती अपनाता तो नहीं हो सकती थी बिक्री
एक्साइज विभाग द्वारा नियमों का उल्लंघन करने वाले कई ठेकों पर कार्रवाई करने की बातें सामने आ रही हैं। माहिरों का कहना है कि एक्साइज विभाग ने पहले ही सख्ती अपनाई होती तो नियमों के विपरीत जाकर शराब की बिक्री नहीं हो सकती थी। एक्साइज विभाग द्वारा फील्ड में अधिकारियों की सख्ती से तैनाती की होती तो ठेकेदार नियम तोड़कर शराब न बेचते। क्योंकि विभाग के पास ठेके को कई दिनों के लिए सस्पैंड करने के अधिकार होते हैं। वहीं विभाग चाहे तो ठेके को मोटा जुर्माना भी लगा सकता है। अब देखना होगा कि विभाग द्वारा क्या कार्रवाई कार्रवाई की जाती है।
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