Edited By Tania pathak,Updated: 20 Apr, 2021 12:45 PM
महिला को कोरोना पॉजिटिव बताकर उसका दाह संस्कार करवा दिया। जबकि अगले ही दिन उसकी रिपोर्ट नैगेटिव आई।
लुधियाना (सहगल): सिविल अस्पताल अपनी कारगुजारी के कारण हमेशा सुर्खियों में रहता है। कुछ दिन पहले गरीब आदमी का इलाज न होने के कारण उसकी अस्पताल के अंदर ही मौत हो गई थी। इसके बाद अब एक महिला को कोरोना पॉजिटिव बताकर उसका दाह संस्कार करवा दिया। जबकि अगले ही दिन उसकी रिपोर्ट नैगेटिव आई। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण परिवार पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाया था।
सोमवार को हिंदू सिख जागृति सेना के प्रधान प्रवीण डंग के साथ पीड़ित परिवार ने एक प्रैसवर्ता की। इसमें उन्होंने बताया कि 35 साल दिव्या शिवपुरी की रहने वाली है। उनका कहना है कि दिव्या की अचानक तबीयत बिगढ़ गई थी। इसलिए पति नरिंदर उसे इलाज के लिए ई.एस.आई. अस्पताल ले गया। क्योंकि, उसका ई.एस.आई. अस्पताल का कार्ड बना हुआ था। मगर ई.एस.आई. के डॉक्टरों ने कोरोना टैस्ट का कह कर दिव्या को सिविल अस्पताल भेज दिया था। मगर टैस्ट के बाद भी ई.एस.आई. ने एडमिट करने से मना कर दिया था। डॉक्टरों ने रिपोर्ट आने के बाद एडमिट करने की बात कही थी। लिहाजा, दिव्या को 2 अप्रैल को सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में एडमिट रहना पड़ा था। मगर एडमिट होने के बाद रात को उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी और उसकी मौत हो गई थी।
प्रवीण डंग और परिवार का आरोप है कि सिविल अस्पताल के डाक्टरों ने दिब्या की पर्ची पर उसे कोरोना पॉजिटिव बताया और शव को मोर्चरी में भेज दिया था। जहां से उसके शव को पैक कर श्मशान घाट ले जाया गया, वहां मार्शल टीम ने 4 मार्च को उसके शव का संस्कार कर दिया था। परिवार के होश तब उड़ गए जब संस्कार के अगले दिन उनके मोबाइल में मैसेज आया, जिसमें दिव्या का रैपिड एंटीजन टैस्ट नैगेटिव बताया गया। परिवार का कहना है कि सिविल अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही से वह पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन नहीं कर पाए और ना ही अंतिम रस्में पूरी कर पाए।
प्रवीण डंग का कहना है कि अब महिला के पाठ का भोग संपन्न हुआ है। इसलिए परिवार उनके पास आया है और सिविल अस्पताल के खिलाफ आवाज उठाई है। परिवार की तरफ से डाक्टरों की शिकायत इंडियन मैडीकल काउंसिल व पुलिस को करेंगे।