Edited By Sunita sarangal,Updated: 20 Jan, 2022 01:12 PM
पंजाब में होने वाली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की डगर डगमगाती नजर आ रही है। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने से......
अमृतसर(दलजीत): पंजाब में होने वाली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की डगर डगमगाती नजर आ रही है। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने से पहले ही गिराने के चक्कर में कांग्रेसी खुद ही जाल बिछा रहे हैं। पार्टी द्वारा जिन उम्मीदवारों को टिकटें दी गई है, उन्हीं उम्मीदवारों को हराने के चक्कर में कुछ कांग्रेसी विशेष योजना के तहत काम कर रहे हैं। सबसे हैरानी की बात है कि पार्टी के प्रधान नवजोत सिंह सिद्ध के गृह जिले में कांग्रेस को कमजोर के करने की साजिश रची जा रही है तथा हाईकमान सब कुछ जानते हुए भी आंखें मूंदकर बैठी है।
जानकारी के अनुसार पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले ही कांग्रेस का अंदरूनी क्लेश सामने आ रहा है। पार्टी द्वारा जिन उम्मीदवारों को टिकट दी गई है तथा जिन उम्मीदवारों ने दावेदारी पेश की थी उनमें से कुछ उम्मीदवार ऐसे हैं, जो टिकट न मिलने के कारण पार्टी से तो खफा है, साथ ही पार्टी द्वारा जिस उम्मीदवार को टिकट दी गई है उसे हराने की भी साजिश रच रहे हैं। पार्टी प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस को मजबूत करने का दावा कर रहे हैं, परंतु उनके जिले में ही कांग्रेस की अंदर से अंदर जड़ें काटने का काम तेजी से चल रहा है।
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कई विधानसभा क्षेत्रों में तो यह हाल है कि पार्टी द्वारा जिन लोगों को टिकट दी गई है, उन्हें हराने के लिए दावेदारी पेश करने वाले कुछ उम्मीदवार अपने नजदीकी कांग्रेसियों को फोन करके उनको हराने की बात कर रहे हैं। यहां तक कि कुछ कांग्रेसी तो यह कह रहे हैं कि कांग्रेस की सरकार नहीं आएगी, किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलेगा, इसलिए विधानसभा चुनावों के कुछ समय बाद दोबारा चुनाव होने संभव है, इसलिए वह पार्टी ने जिसको टिकट दिया उसे हरा दें तथा उनका सहयोग करें।
दोबारा उन्हें जब टिकट मिलेगी तो उनका विशेष लाभ करवाया जाएगा। कांग्रेसियों की आपसी क्लेश के कारण वर्कर भी काफी परेशान हैं, उन्हें समझ नहीं आ रहा कि पार्टी द्वारा जिस उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया है। उसकी बात मानें या अपने नजदोको की बात मानें वर्कर न चाहते हुए भी पार्टी की मदद नहीं कर पा रहा है। कई वर्करों ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि उन्हें भी फोन आए हैं तथा उन्हें पार्टी द्वारा जिस उम्मीदवार को टिकट दी गई है, उसे हराने के लिए कहा जा रहा है। वह टकसाली कांग्रेसी हैं, परंतु कांग्रेस में ऐसी क्लेश पड़ी हुई है कि सभी अपनी-अपनी डफली बजा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के गृह जिले में यह हाल है तो बाकी जिलों में कांग्रेस का क्या हाल होगा। उन्होंने कहा कि सरकार बनने से पहले ही कांग्रेस पार्टी डगमगा गई है। उम्मीदवारों को हराने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है।
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सूत्र बताते हैं कि कई कांग्रेसी ऐसे हैं, जोकि उम्मीदवारों को हराने के लिए साम दाम-दंड-भेद की नीति भी अपना रहे हैं। उधर, दूसरी तरफ कांग्रेस को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है, जिनका लाभ दूसरी विरोधी पार्टियों को भविष्य में हो सकता है। कांग्रेस ने यदि अपने अंदर ले क्लेश को समय रहते खत्म न किया तो आने वाले समय में भारी परेशानी का पार्टी को सामना करना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि खुद को कांग्रेसी कहने वाले दूसरी पार्टियों के संपर्क में है तथा उनकी मदद करने का फैसला कर चुके हैं, अब देखना होगा कि प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू अपने जिले में कांग्रेस की खींचतान को खत्म कर पाते हैं या जिले के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेसियों की लड़ाई क्या रंग लाती है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
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