Edited By Kamini,Updated: 20 Jun, 2025 04:10 PM

गरीबों के सस्ते घर बनाने के सपने टूटे, रियल एस्टेट कारोबार पर असर पड़ेगा।
नवांशहर: बरसात के मौसम और कारोबारी दिक्कतों के चलते इस बार ईंट भट्ठे 7 महीनों के लिए बंद हो गए हैं। इससे ईंटों का उत्पादन बंद होने से और निर्माण सामग्री की मांग बढ़ने से पहले 15 दिन में ही ईंटों के दाम बढ़ गए हैं और गरीबों के किफायती मकान बनाने के सपने टूटने लगे हैं। वहीं, आने वाले दिनों में अगर ये हालात गंभीर हुए तो रियल एस्टेट कारोबार पर और असर पड़ने की संभावना है।
गौरतलब है कि बरसात के मौसम में आमतौर पर जून माह से ईंट भट्ठे बंद हो जाते हैं और जो ज्यादातर 4 माह बाद ही सर्दी के मौसम में फिर से शुरू हो जाते थे। लेकिन इस बार कारोबारियों ने उक्त भट्ठों को दिसम्बर माह तक बंद रखने का फैसला किया है और जिनके जनवरी में 7 माह बाद चालू होने पर ईंटों को उत्पादन शुरू हो सकेगा। यह पहला मौका है जब ईंट भट्ठे करीब 3 महीने की अतिरिक्त अवधि के लिए बंद रहेंगे।
भट्ठा मालिकों ने नुकसान की भरपाई के लिए फैसला लिया
इस संबंध में जिला भट्ठा एसोसिएशन के वरिष्ठ नेता बलजिंदर सोनी पिंकी ने एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष के हवाले से बताया कि अक्सर बरसात के मौसम में ईंट भट्ठे जून माह में बंद हो जाते हैं और करीब 4 महीने बाद फिर से खुल जाते हैं। लेकिन इस बार राज्य के अधिकांश जिलों में उक्त भट्ठों को सितम्बर/अक्तूबर की बजाय 3 महीने बाद जनवरी में फिर से खोलने का फैसला लिया गया है जबकि रूपनगर जिले में भी इस संबंध में लगभग फैसला हो चुका है। इसके बारे में 1-2 दिन में जिला एसोसिएशन की बैठक में पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी नीतियों के कारण भट्ठा मालिकों का उद्योग भी प्रभावित हो रहा है। जिसके कई कारण हैं। उन्होंने कहा कि खनन नीति, जी.एस.टी. दरों में वृद्धि, काम के घंटों में कमी सहित कई कारण हैं। इसके चलते भट्ठा मालिकों को प्रभावित कारोबार को बचाने और नुकसान की भरपाई के लिए उक्त फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
एन.जी.टी. मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अधिसूचना नहीं मिली
इस संबंध में भट्ठा एसोसिएशन के नेताओं ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए एन.जी.टी. के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जो जनवरी से 30 जून तक भट्ठों को चालू रखने के लिए आदेश जारी किए हैं, के संबंध में पंजाब के लिए कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है जबकि यह अधिसूचना केवल राजस्थान के भट्ठा मालिकों पर लागू की गई है इसलिए इन आदेशों का हमारे भट्ठों के बंद होने से कोई संबंध नहीं है।
अगले कुछ महीनों में ईंटों के दाम आसमान छू सकते हैं
गौरतलब है कि उक्त भट्ठों के बंद होने के 15 दिनों के भीतर ही ईंटों के दामों में 500 से 800 रुपए प्रति हजार ईंटों की बढ़ौतरी हो गई है। जबकि अगले कुछ महीनों के भीतर ही ये दरें आसमान छू सकती हैं। इसका असर गरीब लोगों के साथ-साथ रियल एस्टेट कारोबार पर भी पड़ने की संभावना है। एक भट्ठा मालिक मनीष सिंगला ने बताया कि उत्पादन में कमी और मांग में बढ़ौतरी के साथ ही रेट में उछाल आना तय है। ऐसे में अगर सरकार इन भट्ठों के घाटे की भरपाई के लिए कोई पहल करे और रियायत दे तो भट्ठा मालिकों के साथ-साथ हर वर्ग खुशहाल हो सकेगा।
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