एक्शन: अवैध शराब की बिक्री रोकने का 'Road Plan' तैयार, निशाने पर हैं यह 'ठेके'

Edited By Urmila,Updated: 17 Jul, 2022 02:25 PM

action road plan ready to stop the sale of illegal liquor

आम आदमी पार्टी के दिशा-निर्देशों पर लाई गई पॉलिसी में एक्साइज विभाग ने शराब की अवैध बिक्री रोकने का रोड प्लान तैयार कर लिया है।

जालंधर (पुनीत): आम आदमी पार्टी के दिशा-निर्देशों पर लाई गई पॉलिसी में एक्साइज विभाग ने शराब की अवैध बिक्री रोकने का रोड प्लान तैयार कर लिया है ताकि सरकार की योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जा सके। इसी के चलते विभाग ने नाजायज शराब बेचने वालों पर शिकंजा कस दिया है। इसका मुख्य मकसद ठेकों की सेल बढ़ाने से प्रेरित है ताकि पॉलिसी को उम्मीद से बढ़िया रिस्पांस मिल सके व भविष्य में आने वाली योजनाओं के प्रति ठेकेदारों की रुचि देखने को मिले।

विभागीय सूत्रों ने बताया कि इस योजना के तहत जिन ठेकों पर शराब की अधिक बिक्री होगी वह खासतौर पर विभाग की निगाहों में रहेंगे ताकि नाजायज शराब बेचने वालों को सस्ते दामों में शराब उपलब्ध न हो सके। विभाग द्वारा इसके लिए ठेकों द्वारा पिछले वर्ष की गई बिक्री के आंकड़े निकलवाए गए हैं जिसके जरिए ठेकों पर नजर रखना बेहद आसान रहेगा।

ई.टी.ओ. रैंक के अधिकारी अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए एरिया इंस्पैक्टरों से ठेकों की सेल के बारे में रोजाना विस्तृत जानकारियां जुटा रहे हैं व इन्हीं तथ्यों के आधार पर आने वाले समय में विभाग द्वारा सक्रियता बढ़ाई जाएगी।

सूत्रों का कहना है कि कम ग्राहक संख्या वाले ठेकों की सेल बढ़ाने के लिए कम बिक्री होने वाले ठेकों से सस्ते दामों पर शराब की बड़े स्तर पर अवैध ढंग बिक्री की जाती है जिसका फायदा नाजायज तौर पर शराब बेचने वाले उठाते हैं। आमतौर पर शराब की जो बोतल 500 रुपए में बिक रही है, उसे यदि प्रति बोतल के हिसाब से बेचा जाए तो ठेके को 6000 रुपए की कलैक्शन होती है। यह शराब सस्ते दामों नजायज शराब बेचने वालों तक पहुंच जाती है।

वहीं बोतलों के हिसाब से सेल में अधिक बढ़ौतरी देखने को नहीं मिलती जबकि इसके विपरीत पेटियों के हिसाब से सस्ते दामों में शराब बेच कर झटकों में मुनाफा कमाना आसान रहता है। एक्साइज विभाग ने इस बार शराब का कोटा भले ही निर्धारित न किया हो लेकिन इसके बावजूद शराब की अधिक बिक्री करके ठेकेदार कई तरह के अन्य लाभ अर्जित करना चाहते हैं।

एक्साइज विभाग द्वारा जालंधर जिले में शराब के कुल 20 ग्रुप बनाए गए हैं जिनमें शहर के अंतर्गत 13 जबकि देहात में 7 ग्रुप शामिल हैं। इसके मुताबिक मौजूदा प्रावधान के अनुसार जिले में शराब के 640 ठेके खोले जा सकते हैं, लेकिन विभाग द्वारा पॉलिसी में एक नया अध्याय जोड़ा गया है जोकि ठेकेदारों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा क्योंकि प्रति ग्रुप 20 लाख रुपए की राशि अदा करके अपने ग्रुप में 10 अतरिक्ति ठेके खोलने का अधिकार रखते हैं।

पेटियों के जरिए बिकने वाली शराब पर नजरें

एक्साइस विभाग के नियमों के मुताबिक ठेकों पर उपभोक्ता को 2 बोतल शराब बेचने की इजाजत दी जाती है, इससे अधिक की शराब के लिए परमिट लेना पड़ता है जोकि जी.एस.टी. भवन स्थित एक्साइज दफ्तर से जारी होती है। बिना इजाजत के रूटीन में 2 बोतल से अधिक शराब बेचने पर ठेके का चालान होता है जिसकी राशि लाखों में बनती है। इससे विभाग को लाभ भी होता है और संबंधित केस पकड़ने वाले इंस्पैक्टर रैंक के अधिकारियों के नंबर भी बनता है। इसके चलते अब पटियों के जरिए बिकने वाली शराब पर विभाग द्वारा नजरें रखी जा रही है।

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