मुंह के चस्के को लेकर जूनियर डॉक्टरों का कारनामा, सरकारी अस्पताल में ऐसे कर रहे मनमर्जी

Edited By Urmila,Updated: 21 Jan, 2023 12:52 PM

action of junior doctors regarding oral thrush

जानकारी के अनुसार गुरु नानक देव अस्पताल में निजी मैडिकल स्टोर्स और टैस्टिंग लैबोरेट्री का कुछ डाक्टरों के बीच सांठ-गांठ चल रही है।

अमृतसर : गुरु नानक देव अस्पताल में कुछ जूनियर डॉक्टर अपने मुंह के चस्के को लेकर गरीबों का शोषण कर रहे हैं। अस्पताल के बाहर स्थित कुछ टैस्टिंग लैबोरेट्री तथा मैडिकल स्टोरों से सांठ-गांठ करके मरीजों की पर्ची भेजने की एवज में बर्गर पिज्जा तथा मुंह के चस्के के लिए सामान मंगवा रहे हैं। मैडिकल सुपरिंटैंडैंट्स डा. कर्मजीत सिंह द्वारा ऐसे ही कुछ डाक्टरों को मौके पर पकड़ा है तथा उन्हें चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने भविष्य में ऐसा किया तो उनके खिलाफ सख्त अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के अनुसार गुरु नानक देव अस्पताल में निजी मैडिकल स्टोर्स और टैस्टिंग लैबोरेट्री का कुछ डाक्टरों के बीच सांठ-गांठ चल रही है। कुछ डाक्टर अस्पताल में उपचाराधीन मरीज के स्वजनों को दवा की पर्ची थमाकर फलां मैडिकल स्टोर से दवाएं लाने को मजबूर करते हैं। इसके अलावा मैडिकल स्टोर्स के कारिंदे इन्हीं डाक्टरों की मिलीभगत से मैडिसन, सर्जरी, पीडिएट्रिक, व गायनी विभागों के बाहर खड़े रहते हैं। जैसे ही डाक्टर मरीज को दवा लिखकर देता है, ये कारिंदे उससे पर्ची छीन लेते हैं और अपने स्टोर पर ले जाते हैं। मरीज से यह कहा जाता है कि अस्पताल में दवाएं नहीं हैं। वह उन्हें सस्ती और बढ़िया दवाएं दिलवाएंगे। कई ऐसे मामले भी सामने आ चुके हैं कि मरीज को जितनी दवा की जरूरत रहती है उससे अधिक मात्रा में दवाएं मंगवाई जाती हैं। फिर ये दवा के पैकेट पुन: मैडिकल स्टोर में पहुंचा दिए जाते हैं। जूनियर डॉक्टरों की इस कार्रवाई से जहां मरीजों का शोषण हो रहा है वहीं अस्पताल का नाम भी बदनाम हो रहा है अभी यह डॉक्टर की पढ़ाई कर रहे हैं तथा जूनियर है, अगर यह पढ़ाई करके सीनियर बन गए तो यह किस प्रकार मरीजों को छोड़ेंगे अभी इतना शोषण कर रहे हैं बाद में इनका शोषण साथ में आसमान पर बढ़ जाएगा

मरीजों में पाया जा रहा है रोष

अस्पताल में स्थित कुछ जूनियर डॉक्टरों की कार्रवाई के कारण यह हाल है कि मजीठा रोड पर कुछ दुकानदारों के पास मरीजों के स्वजन आकर उधार में पैसों की मांग करते हैं, ताकि मरीज के लिए दवा खरीदी जा सकी। यहां तक कि ब्याज पर भी रकम उठाने को मजबूर होते हैं। पिछले साल एक घटना सामने आई थी। एक पीजी ने मरीज की पर्ची पर कुछ टेस्ट और दवाएं लिखीं। पी.जी. ने नीचे लैब का नाम लिखकर कहा कि इसी लैब से टेस्ट करवाए और मैडिकल स्टोर का नाम भी इसी पर्ची पर दर्ज किया। इस प्रकार की घटनाओं की वजह से मरीजों में भारी असंतोष पाया जा रहा है।

मरीजों का शोषण करने वाले डाक्टरों पर हो सख्त कार्रवाई

आर.टी.आई. एक्टिविस्ट जय गोपाल लाली तथा समाज सेवक रजिंद शर्मा राजू ने कहा कि सरकारी अस्पताल में पहले ही जरूरतमंद मरीज आते हैं तथा इससे अलावा कहीं मरी तो बेहद गरीब होते हैं, वह आते हैं उन्हें उम्मीद होती है कि सरकारी अस्पताल में उनका उपचार सस्ता तथा नि:शुल्क होगा, परंतु यहां पर कुछ डाक्टरों के लालच के कारण उनका शोषण होता है। कुछ डाक्टर अपनी पेट पूजा के लिए मरीजों का खून को चूसते हैं। ऐसे डॉक्टरों का लाइसेंस रद्द करके उन पर पर्चा दर्ज होना चाहिए।

अस्पताल में दवाएं हैं बाहर से नहीं मंगवाएंगे डाक्टर : एम.एस.

मैडीकल सुपरिंटैंडेंट डा. कर्मजीत सिंह ने कहा कि कुछ शिकायतें मिल रही थीं। इनकी उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर जांच की। अब उन्होंने स्पष्ट चेतावनी जारी कर दी है कि कोई भी डाक्टर या पी.जी. किसी मरीज से बाहर की दवाएं नहीं मंगवाएगा। अस्पताल में दवाओं का काफी स्टाक उपलब्ध है। जो दवा अस्पताल में नहीं है उसका साल्ट लिखा जाएगा और मरीज अपनी मर्जी से किसी भी मेडिकल स्टोर से वह खरीद सकेगा। डाक्टर या मैडिकल स्टोर के कारिंदे उसे मजबूर नहीं करेंगे।

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