Edited By Vatika,Updated: 02 Dec, 2025 12:47 PM

जिला में अनाथ, बेसहारा तथा दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित सभी चिल्ड्रन होम्स
जालंधर (चोपड़ा): जिला में अनाथ, बेसहारा तथा दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित सभी चिल्ड्रन होम्स का जुवैनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटैक्शन ऑफ चिल्ड्रन) एक्ट 2015 (संशोधन 2021) के तहत पंजीकरण करवाना अनिवार्य कर दिया गया है।
जिला बाल सुरक्षा अधिकारी अजय भारती ने जानकारी देते हुए बताया कि यदि कोई भी बाल घर 0 से 18 वर्ष आयु तक के बच्चों की देखभाल करता है और अभी तक उक्त संशोधित कानून की धारा 41(1) के तहत पंजीकृत नहीं है, तो उसके संचालक के विरुद्ध धारा 42 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें एक वर्ष की सजा, एक लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि किसी भी गैर-सरकारी संस्था द्वारा ऐसे बच्चों को रहने, भोजन एवं देखभाल की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है तो उसका पंजीकरण इस अधिनियम के तहत होना अनिवार्य है। अधिकारी ने बताया कि जो संस्थाएं अभी तक पंजीकृत नहीं हैं, वे अपने आवश्यक दस्तावेज 15 दिसम्बर तक जिला प्रोग्राम ऑफिसर/जिला बाल सुरक्षा यूनिट कार्यालय, गांधी वनिता आश्रम, कपूरथला चौक में कार्यालय समय के दौरान जमा करवा सकती हैं।