Edited By Urmila,Updated: 21 Oct, 2025 10:32 AM

हिंदी सिनेमा के मशहूर हास्य अभिनेता असरानी अब हमारे बीच नहीं रहे। लंबी बीमारी के बाद सोमवार को, दिवाली के दिन, उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
पंजाब डेस्क : हिंदी सिनेमा के मशहूर हास्य अभिनेता असरानी अब हमारे बीच नहीं रहे। लंबी बीमारी के बाद सोमवार को, दिवाली के दिन, उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। 84 वर्षीय अभिनेता पिछले कुछ दिनों से फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे थे और मुंबई के आरोग्य निधि अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। 20 अक्टूबर की शाम करीब 4 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
गोवर्धन असरानी, जिन्हें लोग प्यार से 'असरानी' कहकर पुकारते थे, ने अपने 5 दशक लंबे फिल्मी करियर में भारतीय सिनेमा को कई यादगार किरदार दिए। उनका हास्य, संवाद अदायगी की शैली, और अद्वितीय टाइमिंग उन्हें हिंदी फिल्मों के सबसे चहेते कॉमिक कलाकारों में शुमार करती है। उनके निधन की पुष्टि उनके मैनेजर बाबूभाई थिबा ने की, जिन्होंने बताया कि असरानी पिछले 5 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे और उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी।
जीवन और फिल्मी सफर
1 जनवरी 1941 को जयपुर, राजस्थान में जन्मे असरानी ने सेंट जेवियर्स स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा ली और फिर राजस्थान कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। फिल्मों में करियर की शुरुआत उन्होंने वर्ष 1967 में फिल्म "हरे कांच की चूड़ियां" से की। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और शोले, चलती का नाम गाड़ी, नमक हराम, चुपके चुपके, गोलमाल, और आंटी नंबर 1 जैसी दर्जनों हिट फिल्मों में अपने दमदार हास्य किरदारों से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई।
सिनेमा जगत में शोक की लहर
असरानी के आकस्मिक निधन से फिल्म इंडस्ट्री, उनके सहकर्मी और लाखों प्रशंसक स्तब्ध हैं। सोशल मीडिया पर कलाकारों और प्रशंसकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया। हास्य को गरिमा देने वाले कलाकार, असरानी का जाना केवल एक अभिनेता का जाना नहीं, बल्कि एक युग का अंत है। उनकी यादें, संवाद और किरदार हमेशा भारतीय सिनेमा में जीवित रहेंगे।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here