रात होते ही छा जाता है सन्नाटा...Punjab का ये शहर हुआ वीरान!

Edited By Kamini,Updated: 06 Dec, 2025 01:54 PM

silence descends as night

फैक्ट्रियों, कॉलेजों और अस्पतालों में डर का माहौल बन जाता है।

बठिंडा (विजय) : 400 एकड़ में फैला मालवा का सबसे बठिंडा का औद्योगिक केंद्र वीरान शहर जैसा है, जिसमें सुविधाएं नाममात्र हैं, जो बुनियादी सुविधाओं से पूरी तरह वंचित है। एक तरफ तो यहां 150 से ज़्यादा फैक्ट्रियां चलती हैं और 5,000 से ज़्यादा मजदूर दिन-रात काम करते हैं, दूसरी तरफ यह वीरान शहर से कम नहीं है।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रैजीडैंट राम प्रकाश जिंदल के मुताबिक सरकारी लापरवाही ने इसकी सूरत बदल दी है। ग्रोथ सैंटर को शहर से जोड़ने वाले अंडरब्रिज से गुजरने वाली हर गाड़ी हिलती है। बारिश होती है तो उसमें पानी भर जाता है, जिससे औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं।अंदर की सड़कें टूटी हुई हैं, सैकड़ों ट्रक, ट्रैक्टर और दूसरी गाड़ियों के आने-जाने से जमीन की हालत और खराब हो गई है। सीवर लीक हो रहे हैं, सीवेज सड़कों पर बह रहा है, पानी की सप्लाई के पाइप लीक होने की वजह से कई फैक्ट्रियों को पानी नहीं मिल पा रहा है। इन सब वजहों से इंडस्ट्रियल एक्टिविटी धीरे-धीरे रुक रही हैं। स्ट्रीट लाइट महीनों से बंद हैं, जिससे रात में इलाका पूरी तरह अंधेरे में डूब जाता है।

इस अंधेरे ने अपराधों को जारी रखा है और मजदूरों को भी रोज़ाना खतरा बना हुआ है। जिंदल ने कहा कि यहां सुरक्षा के लिए पुलिस चौकी की मांग कई बार की जा चुकी है, लेकिन यह अभी तक पूरी नहीं हुई है। यहां न तो फायर ब्रिगेड है और न ही मजदूरों के लिए ई.एस.आई. अस्पताल है। हैल्थ डिपार्टमेंट ने यहां नशा मुक्ति केंद्र के साथ ओट क्लिनिक खोला है, जिससे इलाके में नशेड़ियों का आना-जाना बढ़ गया है।

इंडस्ट्रियलिस्ट का कहना है कि कई नशेड़ी चोरी और गलत काम करते हैं, जिससे फैक्ट्रियों, कॉलेजों और अस्पतालों में डर का माहौल बन जाता है। होटल मैनेजमैंट कॉलेज और पंजाब का सबसे बड़ा कैंसर हॉस्पिटल पास में होने की वजह से, हर दिन सैकड़ों स्टूडैंट और मरीज़ यहां से गुज़रते हैं, जिन्हें सिक्योरिटी की कमी की वजह से हमेशा खतरा बना रहता है। इस इंडस्ट्रियल हब में कारगिल जैसी कई बड़ी कंपनियां और कई दूसरी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट चल रहे हैं, जिनसे सरकार को टैक्स के रूप में हर महीने करोड़ों रुपए मिलते हैं। इसके बावजूद, आज तक किसी भी डिपार्टमैंट ने यहां की सुध नहीं ली है। सरकार बुनियादी सुविधाएं दे तो यहां और भी कई नई फैक्ट्रियां लग सकती हैं, जिससे रोजगार बढ़ेगा और सरकार को भी कई गुना रैवेन्यू मिलेगा।

इंडस्ट्रियलिस्ट्स ने चेतावनी दी कि अगर हालात नहीं सुधरे तो कई इंडस्ट्री दूसरे राज्यों में जा सकती हैं, जिससे बठिंडा और पंजाब को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ग्रोथ सैंटर बठिंडा राज्य की आर्थिक रीढ़ बन सकता है, लेकिन इसके लिए सरकार, नगर निगम, बिजली बोर्ड, सीवरेज बोर्ड और सभी संबंधित विभागों को तुरंत जागना होगा। नहीं तो यह बड़ा इंडस्ट्रियल हब अपनी ताकत खो देगा और लोगों के सपने भी यहां से टूट जाएंगे।

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