Ludhiana : एल्डिको एस्टेट के निवासियों को बड़ी राहत, Court ने ग्लाडा को दिये ये निर्देश

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 07 Dec, 2025 08:44 PM

ludhiana big relief for the residents of eldeco estate

स्थानीय एल्डिको एस्टेट-1  हुसैनपुरा में एसटीपी प्लांट के कनैक्शन को जोड़े जाने के चल रहे मामले में अदालत ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए ग्लाडा को एसटीपी प्लांट के कनैक्शन को जोड़े जाने के लिए जिम्मेदार ठहराया है, जिससे निवासियों को एक बड़ी...

लुधियाना (मेहरा ) :  स्थानीय एल्डिको एस्टेट-1  हुसैनपुरा में एसटीपी प्लांट के कनैक्शन को जोड़े जाने के चल रहे मामले में अदालत ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए ग्लाडा को एसटीपी प्लांट के कनैक्शन को जोड़े जाने के लिए जिम्मेदार ठहराया है, जिससे निवासियों को एक बड़ी राहत मिली है। परमानेंट लोक अदालत के चेयरमैन बलविंदर सिंह संधू, सदस्यों जसवंत सिंह व अंजू गर्ग ने अपने आदेश में कहा कि एक तरफ़ जहां पहले से ही ग्लाडा के पास इस कार्य के लिए 20 करोड़ रुपए जमा पड़े है, तो ग्लाडा का इन रुपयों से कालोनी की स्वतंत्र सीवरेज लाईन डाले जाने के लिए ड्यूटी बाउंड है।

एल्डिको निवासियों मनु चावला, हरीश बांबा, विवेक बेरी,चेतन चावला, राकेश शर्मा, दुष्यंत कुमार, सर्वजीत सिंह, संदीप कालड़ा व विकास शर्मा द्वारा गलाडा, एल्डिको मैनेजमेंट व नेशनल हाईवे अथॉरिटी के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। अदालत में मामला चलने के दौरान अदालत ने खुद संज्ञान लेते हुए नगर निगम व वन विभाग को भी इस मामले में जरुरी पार्टी समझते हुए 
अदालत ने दोनों को नोटिस जारी करते हुए तलब कर लिया था, वही ग्लाडा ने अपने जवाब में कहा था कि वह संबंधित विभागों को इलाक़े की सीवरेज पाइप जोड़ने के लिए लिख रहे है। उपरोक्त निवासियों ने गलाडा की ओर से कालोनी में लगे एसटीपी प्लांट को मुख्य सीवरेज लाइन से न जोड़े जाने के चलते लोगों को हो रही असुविधा के मद्देनजर अदालत में अपनी शिकायत दायर की थी, जिसमें उन्होंने गलाडा, एल्डिको मैनेजमेंट व एनएचएआई पर लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध न करवाने के आरोप लगाए थे। उनके मुताबिक़ गलाडा द्वारा उपरोक्त कालोनी को बनाए जाने संबंधी लाइसेंस जारी किया गया था व गलाडा को निवासियों की ओर से दिए गए करीब बीस करोड़ रुपये कंपनी की तरफ़ से अदा भी किए जा चुके है, लेकिन बावजूद इसके गलाडा की ओर से इलाके के एसटीपी प्लांट से निकलने वाले पानी की निकासी के लिए इलाक़े की सीवरेज लाइन को मुख्य सीवरेज लाइन से नहीं जोड़ा गया है और कंपनी द्वारा प्रदूषित पानी स्कूल की खाली पड़ी जगह के इलावा अन्य स्थानों पर फेंका जा रहा है, जिसके चलते इलाके में डेंगू, चिकनगुनिया व अन्य किस्म की बीमारियां फैलने के डर के अलावा इलाके में बदबू भी फैल रही है। 

उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि इसके बावजूद गलाडा द्वारा गलत तरीक़े से एल्डिको कम्पनी को 24 जनवरी 2019 को कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी जारी किया गया है, जबकि कालोनी में काफी काम अभी अधूरे पड़े हुए है। यहां तक कि सबसे महत्वपूर्ण एसटीपी प्लांट को ही मेन सीवरेज लाइन से नहीं जोड़ा गया है, न ही इसे लेकर गलाड़ा की ओर से कोई नीति बनाई गई है। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्धी वो गलाड़ा व कम्पनी को कई बार आग्रह कर चुके है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। एडवोकेट राजेश मेहरा ने कहा कि गलाडा कंपनी व अन्य विभागों को एसटीपी प्लांट को मैन सीवरेज लाइन से जोड़ने के लिए उक़्त याचिकाकर्ताओं द्वारा कानूनी तरीके से बाध्य करने के लिए अदालती सहारा लिया गया, जिसमें अदालत ने महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश पारित करते हुए लिखित में शर्तो का एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर वह एसटीपी प्लांट के पाईप को जोड़ने के लिए सहमत है, तो एक माह के भीतर अपने-अपने विभाग की शेयर कोस्टिंग बना कर अदालत में जमा करवाए, हालांकि ग्लाडा की तरफ़ से केस के दौरान विभागों को अपनी-अपनी शेयर कोस्टिंग देने के लिये कहा गया था, लेकिन नगर निगम ने इससे अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि यह इलाक़ा उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है, जिस पर अदालत ने ग्लाडा को आदेश दिया कि वह अपने स्तर पर शेयर कॉस्टिंग की प्रक्रिया अपना कर अदालत में दाखिल करे और ऐसा न करने पर ग्लाडा चीफ खुद अदालत के समक्ष पेश होकर जवाब दे तो ग्लाडा ने पहले से बनाई गई शेयर कास्टिंग रिपोर्ट अदालत के समक्ष प्रस्तुत की तो गेंद फिर से निगम के पाले में चली गई तो निगम के एक अधिकारी ने अदालत में पेश होकर अपने दिए लिखित बयान में कहा कि उनके एसटीपी प्लांट की कैपिस्टी पहले से ही फुल चल रही है और वह कॉलोनी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के वेस्ट पानी को प्लांट में डाल नहीं सकते। 

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें व बहस सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि कॉलोनी के सीवरेज के दूषित पानी को डालने की जिम्मेदारी ग्लाडा की बनती है ओर वह अपनी जिमेदारी समझते हुए कॉलोनी के लिए स्वतंत्र तोर पर सीवरेज लाईन डाल कर कॉलोनी के दूषित पानी को बाहर निकालने का प्रबंध करे और इस काम के लिए उनके पास पहले से ही 20 करोड़ रुपए जमा है,इसी के साथ अदालत ने यह भी कहा कि अगर उनके पास जमा राशि कम पड़ती है तो एल्डिको कंपनी यह राशि जमा करवाने के लिए बाध्य होगी।उकत आदेश के पारित होने के बाद इलाका निवासियों की एक बैठक भी हुई,जिसमे मनु चावला,हरीश बांबा,चेतन चावला,राकेश शर्मा,दुष्यंत कुमार,अश्वनी पासी,रमेश चावला,उदित गुप्ता,डॉ संदीप जैन,संदीप शर्मा,जरनैल राजा,राजन कुमार,अंशुल जैन,अनिल मेहता,रमेश महाजन,सोनू धीरज,राहुल खुराना,कुलविंदर सिंह व अन्य ने ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए हुए कॉलोनी की एकता की जीत बताया।

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