क्रिमिनल मामलों में भगौड़े पंजाब में ऐसे करते हैं नाजायज हथियारों की सप्लाई

Edited By Urmila,Updated: 17 Apr, 2022 03:14 PM

in criminal cases fugitives become traders of illegitimate arms

पंजाब में लगातार हो रहे कत्ल और गोलीकांड पुलिस के लिए सिरदर्द बन रहे हैं और ज्यादा कत्ल में देसी हथियार ही इस्तेमाल किए गए। पंजाब में देसी हथियार और ज्यादा उत्तर प्रदेश (यू.पी.) और मध्य प्रदेश (एम.पी.) से ...

जालंधर: पंजाब में लगातार हो रहे कत्ल और गोलीकांड पुलिस के लिए सिरदर्द बन रहे हैं और ज्यादा कत्ल में देसी हथियार ही इस्तेमाल किए गए। पंजाब में देसी हथियार और ज्यादा उत्तर प्रदेश (यू.पी.) और मध्य प्रदेश (एम.पी.) से आ रहे हैं। इनकी उपभोग कुछ समय में इतनी बढ़ गई है कि जो हथियार पहले 15 से 20 हजार रुपए का खरीद कर पंजाब में 25 से 30 हजार में बेचा जाता था उसकी खरीद अब 30 से 35 हजार रुपए हो गई है। पंजाब के अंदर और ज्यादा क्रिमिनल मामलों में भगौड़े ऐलाने मुलजिम ही अपना खर्च निकालने के लिए यू.पी./एम.पी. से हथियार खरीद कर पंजाब में सप्लाई कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि हथियार वह बसें और ट्रेनों में लाते हैं। जैसे ही हथियार पंजाब में आता है तो अलग-अलग देसी हथियारों की तस्वीरें खींच कर जाली आई.डी. तैयार करके फेसबुक पर डाल दी जातीं हैं। फेसबुक के जरिए हथियार बेच दिए जाते हैं।

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जालंधर की बात करें तो शहर में कुछ समय अंदर जितने भी कत्ल या गोलीकांड हुए उन सभी में देसी हथियार ही इस्तेमाल किए गए। भगौड़ों के अलावा यू.पी. और एम.पी. के लोग भी पंजाब में हथियार सप्लाई करने का काम कर रहे हैं। लगभग डेढ़ साल पहले सी.आई.ए. स्टाफ-1 ने बस्ती बावा खेल में रहते सूरज को काबू किया था। पुलिस ने उसकी चेन ब्रेक करके कुल 17 हथियार बरामद किए थे। सूरज जालंधर ही नहीं, बल्कि गुरदासपुर, पठानकोट समेत कई शहरों में हथियार सप्लाई कर चुका था।

इसी तरह किशनपुरा के अभि नाम के नौजवान को भी सी.आई.ए. स्टाफ-1 ने गिरफ्तार करके उसके पास से देसी हथियार बरामद किए थे। वह भी फेसबुक के जरिए ही पंजाब में देसी हथियार बेचता था। सी.आई.ए. स्टाफ की इन्वेस्टिगेशन में भी यही बात सामने आई थी कि वह ट्रेनों और बसों के जरिए ही हथियार लाते थे। यू.पी. और एम.पी. से आसानी के साथ ऑटोमैटिक समेत हर तरह का देसी हथियार मिल जाता है।

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पहली मीटिंग में नहीं देते थे देसी हथियार
सूरज और अभि के पास से जब पूछताछ की गई तो पता लगा कि उन्होंने कभी भी पहली मीटिंग में डील नहीं की। उनको यह भी डर था कि कहीं पुलिस का ट्रैप न लगा हो इसलिए वह पहली मीटिंग में ग्राहक को वॉच करते थे और उसके बाद उनकी प्रोफाइल देखी जाती थी। एडवांस लेने के बाद फिर दूसरी मीटिंग में वह हथियार बेच देते थे।

पंजाबियों के साथ दोस्ती बढ़ा कर शुरू करते हैं देसी हथियारों का कारोबार
पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई कि यू.पी. और एम.पी. के जो लोग देसी हथियार सप्लाई करते हैं, वह पंजाब में काफी लंबे समय तक रह चुके होते हैं। वह पहले पंजाबियों के साथ दोस्ती करते हैं। दोस्ती वह सिर्फ उन लोगों के साथ करते हैं जो क्रिमिनल माइंड के हों। उसके बाद उनका सहारा लेकर भी हथियारों की सप्लाई करते हैं। इससे पहले यू.पी. का जंगली नाम का हथियार स्मगलर काफी मशहूर होता था। बताते हैं कि अब जंगली मारा जा चुका है। जंगली काफी समय पहले पंजाब में देसी पिस्तौल खरीद कर लाता था और गैंगस्टरों को ही सप्लाई करता था।

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यू.पी. में मिनी पाकिस्तान के नाम के साथ मशहूर गांव से होती है सप्लाई
सूत्रों की मानें तो यू.पी. में स्थित एक गांव को नाजायज हथियार कारोबारी मिनी पाकिस्तान का नाम देकर बुलाते हैं। इसका कारण यह है कि वहां से ही सबसे ज्यादा देसी हथियार तैयार करके किसी को भी बेचे जा सकते हैं। इस गांव को मिनी पाकिस्तान बुलाने की बात भी पुलिस की ही इन्वेस्टिगेशन में सामने आई थी। 

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